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संभल जामा मस्जिद विवाद: जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची टीम पर गुस्साए मुस्लिम समुदाय के लोग, जमकर की पत्थरबाजी, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
- जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची टीम
- गुस्साए मुस्लिम समुदाय के लोग
- जमकर की पत्थरबाजी
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का सर्वे आज 24 नवंबर रविवार को फिर से शुरू हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे किया जा रहा था, लेकिन अचानक से इसका विरोध शुरू हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थराव करना शूरु कर दिया। पुलिस ने भी भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने स्थानीय लोगों से सर्वेक्षण टीम के पहुंचने पर पथराव न करने की अपील की है। वहीं इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें पुलिस और लोगों के बीच झड़प होती नजर आ रही है। इस घटना के बाद संभल का हालत काफी तनावपूर्ण हो गए हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh: An incident of stone pelting took place in Sambhal when a survey team reached Shahi Jama Masjid to conduct a survey of the mosque. Police used tear gas to control the situation.Following a petition filed by senior advocate Vishnu Shanker Jain in the… pic.twitter.com/HWPRrVaN6P— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 24, 2024
सुबह साढ़े सात बजे पहुंची सर्वे टीम
बता दें कि, सुबह साढ़े सात बजे के करीब सर्वे टीम जामा मस्जिद के पहुंची थी। करीब एक घंटे तक हालात ठीक थे तभी अचानक भीड़ आ गई है और पुलिस के बीच बहस हो गई। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने हालात संभाला और भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में इकट्ठा हुई भीड़ को हटाने के लिए मस्जिद के अंदर से अनाउंसमेंट की गई लेकिन कोई नहीं माना और पत्थरबाजी शूरू कर दी।
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कोर्ट ने दिए सर्वे के आदेश
इससे पहले 19 नवंबर को संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर को सर्वे का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये है। और अदालत ने कहा था कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
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जाने क्या है पूरा मामला
एडवोकेट विष्णु जैन ने ये दावा किया है कि, ”सम्भल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता है। वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने सर्वे का आदेश जारी किया है।
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Created On :   24 Nov 2024 10:19 AM IST