आनंद ही जीवन का लक्ष्य: समस्तीपुर में 15 दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम का सफल आयोजन

समस्तीपुर में 15 दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम का सफल आयोजन
समस्तीपुर में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार एवं आत्मा के कल्याण के उद्देश्य से एक 15 दिवसीय विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पटना (बिहार) [भारत], 6 दिसंबर: स्वामी युगल शरण जी का सनातन धर्म पर अधारित धारावाहिक विलक्षण दार्शनिक प्रवचन का आयोजन 9 नवंबर से 24 नवंबर तक तिरहुत एकेडमी,काशीपुर के मैदान में किया गया l यह सूचित हो कि लगातार १६ दिन तक यह भव्य कार्यक्रम जिसमें स्वामी जी ने अपने प्रवचन में वेद, उपनिषद, भागवत, रामायण, महाभारत, गीता और इसके साथ साथ पाश्चात्य जगत के सभी दर्शोनोँ को लेकर एक समन्वयात्मक विश्लेषण किया। हर रोज़ शाम को 6 बजे से 8 बजे अत्यंत ही सहज और सरल भाषा में दिया गया इस प्रवचन से समस्तीपुर के हजारों लोगों को आध्यात्मिक लाभ हुआ |

समस्तीपुर में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार एवं आत्मा के कल्याण के उद्देश्य से एक 15 दिवसीय विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्वामी जी ने अपने गहन ज्ञान और प्रेरणादायक प्रवचनों के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक जागरूकता और आत्मा कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में सनातन धर्म की प्राचीन परंपराओं और मूल्यों को पुनर्जीवित करना था। स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में वेद, उपनिषद, गीता और भागवत जैसे धर्मग्रंथों के गूढ़ रहस्यों को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया। प्रतिदिन लगभग 900 श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शामिल हुए और स्वामी जी के अमूल्य उपदेशों से लाभान्वित हुए।

प्रवचनों की मुख्य विशेषताएं

स्वामी जी के प्रवचनों में आत्मा एवं परमात्मा के बीच जो संबंध है उसे विस्तृत रूप से समझाया | भौतिक तापों से ग्रसित मनुष्य कैसे अंतिम आनंद को पाकर आनंदित हो सकता है और भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण का मार्ग प्रमुख विषय थे। उन्होंने बताया कि कैसे मनुष्य अपने जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाकर न केवल व्यक्तिगत विकास कर सकता है, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण में भी योगदान दे सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अध्यात्म के मार्ग पर चलने से ही आत्मिक शांति और सच्चे सुख की प्राप्ति हो सकती है। यह सूचित हो स्वामी युगल शरण जी ने इन सभी कार्यों को और अधिक सुदृढ़ रूप से करने के लिए ब्रज गोपिका सेवा मिशन नामक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की है। जिसके वो सह-संस्थापक भी हैं। स्वामी जी जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के अग्रगण्य प्रचारक एवं भारतवर्ष के मूर्धन्य वक्ताओं में से एक हैं जो भारत और विदेशों के लाखों लोगों को वास्तविक आनंद प्राप्ति का मार्ग का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

लोगों की उत्साहपूर्ण सहभागिता

कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों ने इसे अपने जीवन का एक विशेष अनुभव बताया। शाम होते ही कार्यक्रम स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगती थी। हर आयु वर्ग के लोग, चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग, सभी ने स्वामी जी के प्रवचनों को ध्यानपूर्वक सुना। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को एक अद्भुत अवसर बताया, जिसमें उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

समापन समारोह

कार्यक्रम का समापन समारोह बहुत ही भव्य था। इसमें स्वामी जी ने सभी श्रद्धालुओं को धर्म के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखने और नियमित रूप से भगवान की भक्ति करने की प्रेरणा दी। उन्होंने सभी को यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति और सेवा से ही जीवन का उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है। समापन के अवसर पर विशेष रुपाध्यान साधना आयोजन किया गया, जिसने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम से लाभान्वित हुए इच्छुक श्रद्धालुओं ने स्वामी जी के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए संकल्पित हुए | इसी कड़ी में ब्रज गोपिका सेवा मिशन की एक इकाई की स्थापना की गई जिसमे प्रत्येक रविवार को आकार सभी एक साथ साधना और विशिष्ट मार्गदर्शन का लाभ लेंगे |

सामाजिक संदेश

इस कार्यक्रम ने न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लोगों को प्रेरित किया, बल्कि समाज में आपसी प्रेम और सहयोग का संदेश भी फैलाया। स्वामी जी ने बताया कि कैसे अध्यात्म के सिद्धांत हमें एकता और समर्पण की शिक्षा देते हैं। उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों से बचने और अपने जीवन को एक आदर्श जीवन बनाने की प्रेरणा दी।

निष्कर्ष

यह 15 दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम समस्तीपुर के लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहा। इसने न केवल लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया, बल्कि उन्हें आत्मा के कल्याण के मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित किया। स्वामी जी के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम निश्चित रूप से समस्तीपुर के लिए आध्यात्मिक चेतना का एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हुआ।

Created On :   7 Dec 2024 12:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story