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बलिया पत्रकार हत्या: 6 गिरफ्तार, CM योगी ने परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, प्रियंका-मायावती ने साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में सोमवार देर शाम एक निजी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार के परिजन को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। वहीं यूपी में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या
दरअसल सोमवार शाम को बलिया के फेफना थाना से करीब 500 मीटर दूरी पर कुछ बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। हालांकि रतन सिंह ने हमलावरों से बचने के लिए भागने की कोशिश की लेकिन उन्होंने रतन को दौड़ाकर गोली मार दी और फरार हो गए निकले। घटना की सूचना मिलते ही तुरंत एसपी देवेंन्द्र नाथ, एएसपी संजय कुमार, सीओ आदि के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था।
स्थानीय लोगों ने बताई ये कहानी
ग्रामीणों के अनुसार जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान के घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया, कुछ दिनों पहले रतन का उनके पट्टीदारों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तब उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी थी।
ग्रामीणों ने किया विरोध, लगाया जाम
इस वारदात के बाद लोगों ने फेफना-रसड़ा मार्ग को जाम कर दिया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। परिजनों ने फेफना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मौके पर पहुंचे एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड करने और जांच के बाद अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खुलवाया।
बलिया पुलिस अधीक्षक के पीआरओ विवेक पांडेय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि कई अन्य की तालाश जारी है। आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया, इस घटना में पत्रकारिता से संबंधित कोई बात शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद का मामला है।
पत्रकार के पिता ने पुलिस पर लगाए आरोप
आईजी ने बताया था, जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था, दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार की मौत हो गई। रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस की इस थ्योरी को झूठा करार दिया है। विनोद सिंह ने दावा किया है कि, पुलिस झूठ बोल रही है। जिस जमीन का विवाद बताया जा रहा है, वहां न तो पुवाल है न ही भूसा रखा गया। विनोद सिंह का कहना है, यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं हुई है। मामले की सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप भी लगाए हैं।
There was no dispute at all. A false report has been given to higher-ups in Balia police by Sasmoli police incharge. My son was called on a false pretext. The spot where murder took place is barely 20 steps away from police station: Vinod Singh, Journalist Ratan Singh"s father https://t.co/qWoRyxL7Qu pic.twitter.com/8JhUCKYyUU
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
वहीं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक पत्रकार के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने पीड़ित परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
CM has announced an ex-gratia of Rs 10 lakhs to the family of the deceased journalist Ratan Singh. He has expressed his deepest condolences and has also directed that all possible action be taken against the accused: Awanish K Awasthi, Additional Chief Secretary, Home Department
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
यूपी के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पत्रकार रतन सिंह के परिजनों से मुलाकात की और इसके बाद जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा, हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। मैं सीएम से अनुरोध करूंगा कि वे मुआवजा बढ़ाएं और पत्रकार की पत्नी को नौकरी दें।
UP Minister Anand Swarup Shukla visits district hospital after journalist Ratan Singh was shot dead in Balia district.
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
He says, "A journalist has been brutally murdered we are taking this issue seriously. Will request CM Yogi to increase compensation give a job to his wife." pic.twitter.com/pNmAqyesGV
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, उत्तर प्रदेश में हर दिन अपराध दर बढ़ रही है। अब, स्थिति ये आ गई है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे साबित होता है राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी दयनीय है।
In the state of Uttar Pradesh, crime rate is increasing every day. Now, the situation has arrived when the fourth pillar of democracy, our media personnel are being targetted. It shows that the law order situation in the state is miserable: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/0kzH8cQEBV
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पिछले तीन महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या के मामलों का जिक्र करते हुए कहा, 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते FIR दर्ज की गई। यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है।
19 जून - श्री शुभममणि त्रिपाठी की हत्या
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2020
20 जुलाई - श्री विक्रम जोशी की हत्या
24 अगस्त- श्री रतन सिंह की हत्या, बलिया
पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या।
11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते FIR।
यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतन्त्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है।
Created On :   25 Aug 2020 1:04 PM IST