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जेल महानिदेशक ने किया केन्द्रीय जेल का निरीक्षण
डिजिटल डेस्क, रीवा ।केन्द्रीय जेल के अच्छे आचरण वाले कैदियों को दस दिन की माफी मिलेगी। जेल महानिदेशक अरविंद कुमार ने यह बात केन्द्रीय जेल के निरीक्षण के दौरान कही। इस दौरान जेल के बैरकों में पहुंचकर उन्होंने कैदियों से चर्चा की और कहा कि जेल में जेल वाणी फिर शुरू कराई जाये। जिससे भजन संध्या के माध्यम से कैदियों में सकारात्मक असर उत्पन्न किया जा सके। सुबह 9 बजे से साढ़े दस बजे तक जेल में रहे महानिदेशक जेल ने कैदियों से उनके प्रकरण, सजा अवधि, प्रकरण की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने जेल के अस्पताल में पहुंचकर बीमार कैदियों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और कैदियों से पूछा कि अस्पताल में जरूरत की दवाईयां मिल रही हैं या नहीं। इसके पूर्व उन्होंने जेल प्रशासन से कहा कि जिन कैदियों का आचरण और व्यवहार अच्छा है, उन्हें सजा में दस दिन की माफी दी जाएगी। जेल प्रशासन अब अच्छे चाल चलन वाले कैदियों को चिन्हित करे। इस दौरान उन्होंने कैदियों के सुमधुर संगीत को सुना। पाकशाला में पहुंचकर जेल महानिदेशक ने कैदियों को दिये जाने वाले खाने का अवलोकन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय जेल अधीक्षक सतीश कुमार उपाध्याय, डा.आरके मिश्रा, राघवेन्द्र तिवारी, स्वदीप तिवारी, उप जेल अधीक्षक रविशंकर सिंह, राघवेश अग्रिहोत्री, वरिष्ठ कल्याण अधिकारी डीके सारस, संजू नायक, प्रशांत सिंह चौहान, राजेश गुप्ता सहित अन्य मौजूद रहे।
वृद्ध कैदियों से की चर्चा
महानिदेशक जेल ने निरीक्षण के दौरान ९० वर्ष से अधिक आयु के कैदियों को पेरोल अवकाश देने को कहा। उन्होंने अन्य पात्र कैदियों को पेरोल देने और पात्र कैदियों के पेरोल के आवेदन भेजने के निर्देश केन्द्रीय जेल प्रशासन को दिये।
टेलीफोन की संख्या बढ़ाएं
निरीक्षण के दौरान महानिदेशक टेलीफोन मुलाकात कक्ष पहुंचे। उन्होंने कहा कि कैदियों की परिजनों से टेलीफोनिक मुलाकात ज्यादा संख्या में हो रही है तो जरूरत के हिसाब से टेलीफोन की संख्या बढ़ा दें। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि टेलीफोन की संख्या कम होने की वजह से कैदियों की मुलाकात छूट न पाये।
नया बनेगा प्रशासकीय भवन
केन्द्रीय जेल का प्रशासकीय भवन नया बनेगा। भवन की जर्जर हालत को देखते हुए जेल महानिदेशक ने जेल प्रशासन से प्रशासकीय भवन के लिये मुख्यालय प्रस्ताव भेजने को कहा। उल्लेखनीय है कि प्रशासकीय भवन का निर्माण लगभग सौ वर्ष पूर्व किया गया था। मौजूदा समय में यह भवन जर्जर हो गया है और इसके कुछ हिस्से के छतों से प्लास्टर भी झडऩे लगा है। प्रशासकीय भवन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जेल के अधिकारियों-कर्मचारियों से भी समस्याओं को लेकर चर्चा की।
Created On :   5 March 2022 2:38 PM IST