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मौसम बदलते ही बदली वन्य प्राणियों की दिनचर्या, तेज धूप में घूमता है बंगाल टाइगर।
डिजीटल डेस्क, रीवा। मौसम में गर्मी का असर बढ़ते ही मुकुंदपुर चिडिय़ाघर के वन्य प्राणियों की दिनचर्या भी बदल गई है। गर्मी से बचने सफेद बाघिन विंध्या और रघु जहां दोपहर घोपा और पेड़ की छाया में गुजार रहे हैं, वहीं बंगाल टाइगर को धूप और गर्मी से परहेज नहीं है। सफेद बाघिन सोनम भी दोपहर में चहलकदमी कर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। इस संबंध में चिडिय़ाघर प्रबंधन का कहना है कि भले ही यह सभी टाइगर हैं लेकिन उनकी आदत और व्यवहार अलग-अलग है। उल्लेखनीय है, कि ठण्ड के दिनों में चिडिय़ाघर के मांसाहारी वन्य प्राणी दोपहर में घूमते हैं। जबकि गर्मी में धूप और गर्मी से बचने दोपहर घोपा और सौंसर में गुजारते हैं। इनकी चहलकदमी सुबह और शाम के समय ही होती है। बताया गया है, कि विंध्या अधिकांश समय सोने में व्यतीत कर रही है वहीं बंगाल टाइगर हरी और अर्जुन भी गर्मी से बचने घोपा की तलाश कर रहे हैं। मांसाहारी वन्य प्राणियों के अलावा चिडिय़ाघर शाकाहारी वन्य प्राणी भी दोपहर में छाया के नीचे समय गुजार रहे हैं। चिडिय़ाघर प्रबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है, कि गर्मी से बचने आवश्यक व्यवस्था कर दी गई है जिससे वन्य प्राणियों को तपती गर्मी में भी राहत मिल सके।
रेनगन से पहुंचा रहे ठण्डक -
मांसाहारी वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी से राहत देने रेनगन की व्यस्था की गई है। रेनगन से पानी का छिड़काव कर मांसाहारी वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाया जा रहा है। वन्य प्राणी भी रेनगन की बौछार में मस्ती कर रहे हैं। इधर शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिए पफ स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है। स्प्रिंकलर से पानी जमीन में फैल जाता है। जिससे घास तो हरी-भरी रहती है साथ ही पानी भर जाने से शाकाहारी वन्य प्राणी भीषण गर्मी के दौरान उसमें बैठकर ठण्डक भी महसूस करते हैं। बताया गया है कि जहां स्प्रिंकलर शुरू किया जाता है वहां शाकाहारी वन्य प्राणी ज्यादा संख्या में नजर आते हैं।
सौंसर में व्यतीत करते हैं समय -
भीषण गर्मी में मांसाहारी वन्य प्राणी ज्यादा समय सौसर में व्यतीत करते हैं। दोपहर में चिडिय़ाघर धूप और गर्म हवाएं जब उन्हें परेशान करती हैं तो यह वन्य प्राणी बाड़े में बने सौंसर में जाकर बैठ जाते हैं। चिडिय़ाघर प्रबंधन ने मांसाहारी वन्य प्राणियों के बाड़े में दो-दो सौंसर बना दिए हैं।
खुराक में आई कमी -
गर्मी का असर बढ़ते ही मांसाहारी वन्य प्राणियों की खुराक में कमी आ गई है। ठण्ड के दिनों में जहां बंगाल और व्हाइट टाइगर सात किलो से लेकर दस किलो तक मांस खा रहे थे वहीं अब उनकी खुराक साढ़े छ: किलो से साढ़े आठ-नौ किलो तक आ गई है। बताया गया है, कि सफेद बाघ रघु और बंगाल टाइगर की खुराक ठण्ड के दिनों में जहां क्रमश 9 और 10 किलो मांस की थी, वहीं अब यह खुराक आठ और नौ किलो तक आ गई है। इसके अलावा विंध्या, सोनम, सरली, अर्जुन, शिवा और जैस्मीन की खुराक भी एक से डेढ़ किलो तक कम हो गई है।
नाईट हाऊस में लगाए कूलर -
भीषण गर्मी के दौरान मांसाहारी वन्य प्राणियों को गर्मी से परेशान न होना पड़े, इसके लिए चिडिय़ाघर प्रबंधन ने मांसाहारी वन्य प्राणियों के नाईट हाऊस और सेल में कूलर लगा दिए हैं। हालांकि अभी इसका उपयोग दिन में किया जा रहा है। जैसे ही रात में गर्मी का असर तेज होगा, रात में भी कूलर चलाने शुरू कर दिए जाएंगे।
Created On :   9 April 2022 6:19 PM IST