Buldhana News: बुलढाणा सीट पर अब कांटे की लड़ाई, बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

  • रविकांत तुपकर की एन्ट्री से बिगड़ सकता है वोटों का गणित
  • महाविकास आघाड़ी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
  • नाम वापसी के बाद स्थिति बदलने की संभावना

Buldhana News, सुनील तिजारे .राजनीति में भी कुछ भी हो सकता है, अभी कल तक जो संघर्ष शिवसेना उबाठा तथा शिवसेना शिंदे गुट में लग रहा था, वही संघर्ष अब रविकांत तुपकर व सतीश पवार के साथ वंचित के सदानंद माली की एन्ट्री से एक अलग मोड़ पर आ गया है। हालांकि उबाठा मविआ की ओर से जयश्री शेलके का नाम है तथा शिवसेना शिंदे गुट एवं महायुति की ओर से संजय गायकवाड़ का नाम तय है। लेकिन अन्य किसी बड़े नेता की एन्ट्री हो गई हो, और वह भी दो मजबूत प्रत्याशियों के बीच और तीसरा मजबूत उम्मीदवार आ जाए तो चुनावी रणनीति जीत-हार के समीकरण को और जटिल बना देती है। बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र में जीत-हार का समीकरण 29 अक्टूबर 4 नवंबर की शाम को तय होगा। वंचित की उम्मीदवारी सदानंद माली के लिए एक राजनीतिक अवसर है, लेकिन उसी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के लिए सिरदर्द है। इसलिए कि वंचित के मुख्य दावेदार वफादार प्रशांत वाघोदे और पदाधिकारी भीतर से विद्रोह की तैयारी के संकेत मिल रहे हैं।

वंचित सुप्रीमो और वंचित की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाने वाले सतीश पवार को भी भीम आर्मी से उम्मीदवार घोषित किया गया। इसलिए व़फादार वंचित और भीम आर्मी के बीच भी संघर्ष अपरिहार्य है। साथ ही शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की पार्टी के वफादार जिला अध्यक्ष जालिंदर बुधवत यह जयश्री की उम्मीदवारी को दिल से स्वीकार करेंगे या नहीं, यह एक सवाल है। कृषि उपज बाजार समिति, ग्राम पंचायत, जिला परिषद जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जालिंदर बुधवत के पास निर्वाचन क्षेत्र में एक ताकत है, वह भी जीत-हार का समीकरण बदल सकता है। क्रांतिकारी किसान संघ के रविकांत तुपकर ने भी घोषणा की है कि वह महाविकास अघाड़ी के साथ नहीं हैं. इसलिए रविकांत तुपकर अपने गृह नगर में अपने गढ़ में लड़ेंगे।

बुलढाणा विधानसभा की लड़ाई तुपकर के लिए महाविकास आघाड़ी की ताकत दिखाने के लिए प्रतिष्ठित होगी। इससे जीत-हार का समीकरण भी बनता-बिगड़ता है। निश्चित रूप से रविकांत तुपकर बुलढाणा से अपनी उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल करेंगे। रविकांत तुपकर और उनके समर्थकों ने दावा जताया है कि 26 अक्टूबर को निश्चय बैठक में समय आने पर उनकी जीत होगी। यदि रविकांत तुपकर ने बुलढाणा विधानसभा को सम्मानजनक बना दिया तो जीत और हार का समीकरण फिर से बदल सकता है। दूसरी ओर, महायुति और महाविकास अघाड़ी में प्रमुख घटक दल उद्धव बालासाहेब ठाकरे द्वारा दिए गए उम्मीदवारों पर निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं और कांग्रेस पदाधिकारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है तथा यह जीत-हार का समीकरण तय करता है।

महायुति में संजय गायकवाड अपना नामांकन दाखिल करेंगे। लेकिन उनके सामने भी अंतर्गत चुनौती है। खास तौर पर पूर्व विधायक विजयराज शिंदे शिवसेना छोडकर वंचित में गए। लेकिन वहां से उनको उम्मीदवारी नहीं मिली। वे भाजपा में चल गए। विजयराज शिंदे व उनके समर्थक महायुति में दिल से काम करेंगे, या नहीं यह एक सवाल है। इस कारण अभी इस चुनाव में कौन रेस में है और कौन रेस में रहकर भी रेस के बाहर है यह समीकरण नामांकन दाखिल करने के बाद ही समझ आएंगे।

Created On :   29 Oct 2024 11:18 AM IST

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