RBI Monetary Policy: आरबीआई ने रेपोरेट में नहीं किया बदलाव, आपके लोन की ईएमआई नहीं होगी कम
- रेपो रेट को यथावत 6.50 प्रतिशत पर रखा गया है
- लगातार 11वीं बार है जब रेपो रेट को स्थिर रखा है
- 6 सदस्य में से 4 सदस्यों ने पक्ष में वोट किया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज (12 दिसंबर 2024, शुक्रवार) खत्म हो चुकी है। बड़ी आर्थिक चुनौतियों के बीच हुई इस बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की घोषणा की। जिसके अनुसार, रेपो रेट को यथावत 6.50 प्रतिशत पर रखा गया है। इसका सीधा मतलब यह कि, आपके लोन की ईएमआई में कोई भी राहत नहीं मिली है। यह लगातार 11वीं बार है जब रेपो रेट को स्थिर रखा गया है।
बता दें कि, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 4 दिसंबर को शुरू हुई थी। इस तीन दिवसीय बैठक में 6 सदस्य की एमपीसी में से 4 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों को बरकरार रखने के पक्ष में वोट किया है।
यह बड़ा ऐलान भी किया
इसके अलावा शक्तिकांत दास ने एक और बड़ी घोषणा की है, जिसमें उन्होंने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है। उन्होंने इसे 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। इससे बैंकों के पास 1.20 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त होंगे, जिसका इस्तेमाल लोन बांटने में किया जा सकेगा।
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "इस वर्ष की दूसरी तिमाही में रियल जीडीपी में 5.4% की वृद्धि, अनुमान से बहुत कम रही। विकास में यह गिरावट औद्योगिक विकास में पहली तिमाही के 7.4% से दूसरी तिमाही में 2.1% तक की भारी गिरावट के कारण हुई, जिसका कारण मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का कमजोर प्रदर्शन, खनन गतिविधि में कमी और बिजली की कम मांग थी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘मौद्रिक नीति का व्यापक प्रभाव होता है, समाज के हर क्षेत्र के लिए कीमत स्थिरता जरूरी और हम आर्थिेक वृद्धि को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। आरबीआई अपने मौद्रिक नीति रुख को ‘तटस्थ’ बनाए रखेगा।’
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी कोशिश आरबीआई अधिनियम के फ्लेक्सिबल टारगेटिंग फ्रेमवर्क का पालन करना है। प्राइस स्टेबिलिटी हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित करती है, इसलिए इसका महत्व व्यवसायों के लिए भी है।
महंगाई का अनुमान
एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में महंगाई 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2026 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए महंगाई क्रमश: 4.6 प्रतिशत और 4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
Created On :   6 Dec 2024 11:16 AM IST