रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में की 0.35 फीसदी की कटौती
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- 2 सदस्यों ने 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के लिए वोट किया
- RBI बोर्ड के 4 सदस्यों ने 35 बेसिस प्वाइंट के पक्ष के समर्थन में वोट किया
- रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी हो गया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी जारी करते हुए क्रेडिट रेट में 0.35 फीसदी की कटौती की है। RBI बोर्ड के 4 सदस्यों ने 35 बेसिस प्वाइंट के पक्ष के समर्थन में वोट किया। वहीं 2 सदस्यों ने 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के लिए वोट किया। जिसके बाद रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी हो गया है।
सस्ती दर
RBI के ब्याज दरें घटाने का मतलब है कि अब सस्ती दर पर बैंकों को रिजर्व बैंक से कर्ज मिलेगा, जिसका फायदा बैंक अपने उपभोक्ता को भी देंगे। रेपोरेट कम होने से जहां कर्ज सस्ता मिलेगा, वहीं EMI भी कम होगी। सस्ती कर्ज और सस्ती EMI के जरिए उपभोक्ताओं को फायदा मिलता है। जब भी रेपो रेट घटता है तो कर्ज लेना सस्ता हो जाता है। साथ ही जो कर्ज फ्लोटिंग हैं उसकी EMI भी कम जाती है।
आपको बता दें कि RBI ने आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती करते हुए RBI ने ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया है।
पिछली समीक्षा बैठकों में भी रेपो रेट घटाया
इससे पहले RBI ने पिछली तीन समीक्षा बैठकों में भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत घटाया था। ऑटो सेक्टर में मंदी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में धीमी गति, मॉनसून से जुड़ी चिंताओं और शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए इस बार भी रेपो रेट में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। महंगाई दर भी आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में है।
रेपो रेट
जिस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे। रेपो रेट कम हाेने से होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह सभी सस्ते हो जाते हैं।
Created On :   7 Aug 2019 12:26 PM IST