सूरत बदल सकती है मेट्रो रेल
डिजिटल डेस्क, आगरा। मुगल महानगर आगरा बड़ी उत्सुकता से मेट्रो रेल के लगभग 30 किमी लंबे महत्वाकांक्षी नेटवर्क के पूरा होने का इंतजार कर रहा है। इससे ताज शहर की सूरत बदल जाएगी और सामाजिक व आर्थिक विकास की गति भी तेज होगी।
मेट्रो परियोजना पर काम ने गति पकड़ ली है और प्रमोटरों को विश्वास है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से बहुत पहले यह विश्वस्तरीय सुविधा चालू हो जाएगी।
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। पहला कॉरिडोर सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट के बीच और दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक बनेगा।
पहले कॉरिडोर के तहत ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के बीच करीब छह किलोमीटर का हिस्सा तेजी से बन रहा है। वर्तमान में पीएसी ग्राउंड पर मेट्रो ट्रेन डिपो के साथ ताज ईस्ट गेट से बसई के बीच तीन किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का सिविल निर्माण किया जा रहा है। पहला कॉरिडोर 2022 के अंत तक परिचालन शुरू कर देना चाहिए।
परियोजना निष्पादन की गति को बनाए रखते हुए आगरा मेट्रो टीम ने रिकॉर्ड समय में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। आगरा फोर्ट मेट्रो स्टेशन में डी-वॉल का आधा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुल 66 डी-वॉल संरचनाओं में से 33 पहले ही पूरी हो चुकी हैं। साथ ही गाइड वाल का शत-प्रतिशत कार्य टीम द्वारा पहले ही पूरा कर लिया गया है।
यूपी मेट्रो के कार्यवाहक एमडी सुशील कुमार ने कहा, आगरा मेट्रो परियोजना को बहुत तेज गति से चलाया जा रहा है। हमारी टीम के निरंतर प्रयासों ने हमें सभी लक्ष्यों और समय सीमा को समय से पहले पूरा करने में मदद की है। गाइड वॉल और डी वॉल का काम पूरा हो गया है। समय ने आगरा फोर्ट मेट्रो स्टेशन के तेजी से निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।
जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन पर क्रॉसओवर के लिए डी-वॉल का काम भी बहुत जल्द शुरू होने की संभावना है। आगरा मेट्रो के कॉरिडोर-1 के अंडरग्राउंड (यूजी) सेक्शन को ताजमहल मेट्रो स्टेशन से आरबीएस कॉलेज मेट्रो स्टेशन के बीच चिह्न्ति किया गया है। यूजी मेट्रो स्टेशनों का निर्माण टॉप-डाउन पद्धति से किया जा रहा है।
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के पहले कॉरिडोर के लिए अंडरग्राउंड सेक्शन में कुल सात मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं, जैसे- ताजमहल, आगरा किला, जामा मस्जिद, मेडिकल कॉलेज, आगरा कॉलेज, राजा की मंडी और आरबीएस कॉलेज।
अधिकारियों ने बताया कि आगरा मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशनों को टॉप-डाउन मेथड से तैयार किया जाएगा, यानी ऊपर से नीचे तक निर्माण कार्य किया जाएगा। यातायात पर प्रभाव को कम करने के लिए इस प्रणाली को अपनाया जा रहा है, क्योंकि सड़क के स्तर से शुरू होने वाली पहली मंजिल के निर्माण के बाद सड़क पर बैरिकेडिंग कम हो जाएगी। सड़क के नीचे स्टेशन का निर्माण कार्य जारी रहेगा और सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी बिना किसी रुकावट के चलती रहेगी।
इस समय ताज ईस्टर गेट से पुरानी मंडी क्रॉसिंग और पर्यटन केंद्र फतेहाबाद रोड तक काम जोरों पर चल रहा है।
(आईएएनएस)
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Created On :   5 July 2022 11:00 AM IST