उद्योग जगत ने कपड़ों तथा परिधानों पर जीएसटी बढ़ोत्तरी के निर्णय को टाले जाने का स्वागत किया

Industry welcomes postponement of decision to increase GST on clothing and apparel
उद्योग जगत ने कपड़ों तथा परिधानों पर जीएसटी बढ़ोत्तरी के निर्णय को टाले जाने का स्वागत किया
भारतीय उद्योग जगत उद्योग जगत ने कपड़ों तथा परिधानों पर जीएसटी बढ़ोत्तरी के निर्णय को टाले जाने का स्वागत किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने शुक्रवार को कपड़ों और परिधानों पर प्रस्तावित जीएसटी वृद्धि को टालने के जीएसटी परिषद के फैसले का स्वागत किया है।

प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, जीएसटी परिषद ने राज्य सरकारों और उद्योग जगत की आपत्तियों को देखते हुए इस प्रस्ताव को टाल दिया है। इससे पहले कपड़ों तथा परिधानों पर जीएसटी दर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया था।

आईसीसी नेशनल टेक्सटाइल कमेटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, टीटी लिमिटेड, संजय के जैन ने कहा, कपड़ा और वस्त्र उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है और हम वर्ष 2022 में एक नई उम्मीद के साथ प्रवेश कर रहे हैं। लोगों के मन मे जो डर था वह दूर हो गया है।

उन्होंने कहा कि सिंतबर से हम जिस प्रकार के डर के माहौल में जी रहे थे वह दूर हो गया है और इसे व्यक्त करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं।

आईडीटी समिति पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष बिमल जैन के अनुसार,इस प्रस्ताव को टाले जाने से इस क्षेत्र को आवश्यक प्रोत्साहन और समर्थन मिलेगा।

उन्होंने कहा बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम स्तर के करदाता जीएसटी दरों में वृद्धि के प्रस्ताव से चिंतित थे और जीएसटी परिषद का यह निर्णय सही दिशा में है और यह सलाह दी जाती है कि भविष्य में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी से पहले व्यापारियों का विश्वास हासिल करना उचित है।

अखिल भारतीय व्यापारी उद्योग परिसंघ (सीएआईटी)ने भी इस फैसले की सराहना की है। इसके अलावा, परिसंघ ने जूतों और फुटवियर पर भी जीएसटी दर बढ़ाने के निर्णय को स्थगित करने का आग्रह किया है।

परिसंघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कराधान प्रणाली, इसके सरलीकरण और युक्तिकरण, कर आधार में वृद्धि और सरकार को राजस्व की जटिलताओं पर विचार करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित करने करने का आग्रह किया है।

परिसंघ ने कहा है कि यह टास्क फोर्स केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित की जा सकती है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा व्यापार जगत के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए।

सीएआईटी ने एक बयान में यह भी कहा है कि जीएसटी को लागू किए हुए चार वर्ष से अधिक का समय हो गया है और अभी तक भी जीएसटी एक स्थिर कर प्रणाली नहीं बन सकी है। उम्मीदों के अनुरूप जीएसटी पोर्टल काम नहीं कर रहा है और इस कर प्रणाली में काफी विसंगतियां होने के कारण जीएसटी एक जटिल कर प्रणाली बन गई है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   31 Dec 2021 7:00 PM IST

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