Real Estate: पोस्ट कोरोना वर्ल्ड में कैसे कमाए रेंटल प्रोपर्टी से प्रॉफिट, जानिए टिप्स
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का अनुमान है कि ये क्षेत्र कोरोनावायरस महामारी के प्रभाव से जल्दा उबर जाएगा। हालांकि इसके अल्पकालिक प्रभाव के बावजूद, विशेषज्ञों की सलाह है कि अगर आप इस सेक्टर से लाभ कमाना जारी रखना चाहते हैं तो आपको प्लानिंग और एक्जीक्यूशन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करना होगा।
यदि ब्याज दर और छूट की पेशकश ने आपको किराये की आय अर्जित करने के लिए एक संपत्ति में निवेश करने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास प्रदान किया है, तो आपको पोस्ट कोरोना वर्ल्ड में लाभ कमाने के लिए संभलकर फैसले लेना होगा। COVID-19 लॉकडाउन का मानव मनोविज्ञान पर एक स्थायी प्रभाव होने की संभावना है। ऐसे में भारत में किराये का बाजार और भी अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकता है।
सही लोकेशन चुनें
कई चीजों में से जो नहीं बदलेगी, जहां तक संपत्ति निवेश की लाभप्रदता का संबंध है, वो इसकी लोकेशन है। क्या देखा जाना बाकी है कि क्या वर्तमान संदर्भ में "अच्छी" लोकेशन "अच्छी" बनी हुई हैं या नहीं। प्रॉपर्टी चाहने वालों को लोकेशन के बारे में अच्छी खासी रिसर्च करना चाहिए। बिजनेस डिस्ट्रिक्ट और जॉब मार्केट के आसपास के क्षेत्र में प्रॉपर्टी, हमेशा महंगी होगी और इसलिए, उस लोकेशन से हमेशा आपको ज्यादा इनकम होगी।
हमेश स्पष्ट रहें कि आपको टार्गेट किराएदार कौन है?
प्रॉपर्टी ओनर को स्पष्टता होना चाहिए कि उनकी टार्गेट ऑडियंस कौन होंगे। प्रॉपर्टी के सिलेक्शन में ये काफी महत्वपूर्ण है। आइए हम मान लें कि आपने एक इलाके में किराये की प्रॉपर्टी खरीदी है जिसमें छात्रों की आबादी अधिक है, क्योंकि पास में विभिन्न शैक्षणिक संस्थान हैं। सामान्य सुविधाओं के साथ एक 3BHK घर, जल्दी से पीजी में बदल दिया जा सकता है, जिससे यह छात्रों के लिए एक आदर्श विकल्प बन सकता है। इसी तरह, 1BHK घर खरीदना बेहतर होगा, यदि आप पेशेवरों या कपल को अपनी प्रॉपर्टी रेंट पर देने की योजना बनाते हैं।
अपने किरायेदार के बैकग्राउंड को वैरिफाय करें
आपके वेंचर की पूरी सफलता, इस बात पर निर्भर करती है कि किरायेदार का वैरिफिकेशन कितनी मेहनत से किया गया है। प्रॉप्रटी ओवर को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी प्रॉपर्टी को कानून के पालन करने वाले नागरिकों को दे रहे हैं, ताकि वह अपनी सुरक्षा बनाए रख सके। वहीं आपको अपने संभावित किरायेदार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पता होना चाहिए। ऐसे इसलिए ताकि आप अदंजा लगा सके कि आने वाले समय में किराएदार को किराया देने में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं आएगी।
सभी कागजी कार्रवाई को सुनिश्चित करें
किसी भी कानूनी या वित्तीय परेशानी से बचने के लिए, अपने रिकॉर्ड स्ट्रेट रखें। सभी नियमों का पालन करें। समय पर टैक्स भरें। यदि आप कई संपत्तियों के मालिक हैं और टैक्स का काम बहुत जटिल हो जाता है, तो एक अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) को नियुक्त करना आपके लिए सही होगा।
Created On :   16 Aug 2020 5:02 PM IST