GST Meeting: ब्लैक फंगस की दवा पर नहीं देना होगा टैक्स, छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए एमनेस्टी स्कीम
- कोरोना की दूसरी लहर के बीच साल 2021 की GST काउंसिल की पहली बैठक
- कोविड से जुड़ी राहत सामग्रियों पर छूट 31 अगस्त 2021 तक के लिए बढ़ा दी गई
- ब्लैक फंगस की दवा एंपोटेरिसिन-बी को भी टैक्स फ्री वस्तुओं की सूची में शामिल किया गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बीच साल 2021 की GST काउंसिल की पहली बैठक में बड़े ऐलान किए गए। कोविड से जुड़ी राहत सामग्रियों पर दी गई कर छूट 31 अगस्त 2021 तक के लिए बढ़ा दी गई है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके इलाज में काम आने वाली दवा एंपोटेरिसिन-बी को भी टैक्स फ्री वस्तुओं की सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा कोविड से जुड़ी राहत सामग्रियों के इंपोर्ट पर IGST छूट को भी 31 अगस्त 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी की 43वीं बैठक में कहा कि कोविड से संबंधित उपकरणों के मुद्दे एजेंडे में उन आइटम्स में से एक थे जिन पर बहुत विस्तृत चर्चा हुई। कोविड से संबंधित उपकरणों के लिए काफी छूट दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा, मैंने परिषद में निर्णय लिया है और घोषणा की है कि मंत्रियों का एक समूह जल्दी से गठित किया जाएगा जो 10 दिनों के भीतर - 8 जून को या उससे पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। ताकि यदि कोई और कटौती किए जाने की जरुरत होगी तो की जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा, आज के सबसे बड़े फैसलों में से एक छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स के कंप्लायंस बर्डन को कम करना है। लेट फी, एमनेस्टी से जुड़े मामलों पर भी फैसला हुआ। छोटे करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए, इन मामलों में देय लेट फी को कम करने के लिए एमनेस्टी योजना की सिफारिश की गई है। टैक्सपेयर्स अब अपना पेंडिंग रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और कम लेट फी के साथ इस एमनेस्टी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा, लेट फीस को भी रेशनलाइज्ड बनाया गया है। रेशनेलाइज्ड लेट फी और छोटे करदाताओं के लिए लेट फी की अधिकतम राशि को कम करने का निर्णय भविष्य की कर अवधि के लिए प्रभावी होगा। इससे छोटे करदाताओं को लंबी अवधि की राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, दो वैक्सीन निर्माताओं को अग्रिम भुगतान के रूप में 4,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। देश वैक्सीन के लिए जापानी, यूरोपीय संघ सहित आपूर्तिकर्ताओं/निर्माताओं के साथ काम कर रहा है। आने वाले महीनों में आपूर्ति जितनी है उससे अधिक होगी। वित्त मंत्री ने कहा वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी सरल बनाया गया है। परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन करने की सिफारिश की है ताकि रिकन्सिलेशन स्टेटमेंट के सेल्फ-सर्टिफिकेशन की अनुमति दी जा सके, बजाय इसे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स द्वारा प्रमाणित करने के।
वित्त मंत्री ने कहा, 2 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न फाइलिंग वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वैकल्पिक बनी रहेगी। जबकि 2020-21 के लिए रिकन्सिलेशन स्टेटमेंट्स केवल उन करदाताओं द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा जिनका टर्नओवर 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। वहीं वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन सेस पर पिछले साल जैसा ही फॉर्मूला इस साल भी अपनाया जाएगा। मोटे तौर पर अनुमान है कि केंद्र को 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार लेने होंगे और इसे राज्यों को देना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा, जैसा कि हम 14% कंपनसेशन प्रोटेक्टेड रेवेन्यू अरेंजमेंट के 5 वर्षों के अंतिम में हैं, मैंने सदस्यों को आश्वासन दिया है, हम जीएसटी परिषद का विशेष सत्र आयोजित करेंगे। इसमें विशेष रूप से सिंगल-पाइंड एजेंडा होगा कि 2022 के बाद कंपनसेशन सेस कैसे, कब तक और कितना कलेक्ट किया जाए। बता दें कि जुलाई 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को पांच साल तक उनकी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के लिये कुछ खास वस्तुओं पर उपकर लगाने की व्यवस्था शुरू की गई थी. उपकर से मिलने वाली राशि को राज्यों को उनके राजस्व भरपाई के लिये जारी किया जाता है
Created On :   28 May 2021 9:44 PM IST