प्रतिभूति बाजार में निवेशकों को जोड़ने में ई-केवाईसी बना गेम चेंजर : गर्ग

E-KYC has become a game changer in connecting investors in securities market: Garg
प्रतिभूति बाजार में निवेशकों को जोड़ने में ई-केवाईसी बना गेम चेंजर : गर्ग
ई-केवाईसी प्रतिभूति बाजार में निवेशकों को जोड़ने में ई-केवाईसी बना गेम चेंजर : गर्ग
हाईलाइट
  • ई-केवाईसी ने व्यापार करने में आसानी प्रदान की

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी के कार्यकारी निदेशक जी. पी. गर्ग ने आज कहा कि प्रतिभूति बाजार में अधिक निवेशकों को जोड़ने में ई-केवाईसी गेम चेंजर साबित हो रहा है। श्री गर्ग ने गुरुवार को यहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में अपने संबोधन में कहा कि ई-केवाईसी ने अधिक निवेशकों को प्रतिभूति बाजार में जोड़ने में एक जबरदस्त भूमिका निभाई है क्योंकि इस व्यवस्था के तहत कोई भी 15 मिनट से भी कम समय में डीमैट, ट्रेडिंग खाता खोल सकता है और इसका हिस्सा बन सकता है। ई-केवाईसी ने न केवल व्यापार करने में आसानी प्रदान की है बल्कि वास्तव में इसने निवेश करने को भी आसान बनाया है। उन्होंने विभिन्न तकनीकों को अपनाने के लाभ का उल्लेख करते हुए कहा कि सेबी शायद प्रौद्योगिकी के अच्छे उपयोग के साथ ‘रेगटेक’ का पालन करने वाला पहला नियामक है, जिससे उसे निर्णय लेने में काफी मदद मिली है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे डेटा एनालिटिक्स ने इनसाइडर ट्रेडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अलर्ट जनरेशन से संबंधित मामलों को रोकने में मदद की है। उन्होंने कहा, ‘‘एक नियामक के रूप में कुशल होने के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली का होना महत्वपूर्ण होता है। प्रौद्योगिकी के विकास ने लागत घटाने के साथ ही डेटा क्षमता और अधिक कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा दिया है। श्री गर्ग ने इनोवेशन सैंडबॉक्स का हिस्सा बनने के लिए देश के नवोन्मेषकों का स्वागत किया और कहा कि इसके अभिन्न अंग के रूप में कोई भी एक्सचेंज के पास उपलब्ध डेटा तक पहुंचने के लिए सेबी में आवेदन कर सकता है। समिति के आवेदन को स्वीकृत करने लेने के बाद डेटा उपलब्ध करा दिया जाता है, जो इसके नैतिक रूप से इस्तेमाल को सुनिश्चित करता है। नियामक सैंडबॉक्स का चयन करने वाली कंपनियों को मौजूदा नियमों में बहुत अधिक छूट प्रदान की जाती है। उन्होंने स्कोर्स के माध्यम से शिकायतें दर्ज करने की प्रक्रिया के आसान होने का उल्लेख करते हुए कहा कि एक्सचेंज सालाना लगभग 50000 शिकायतें दर्ज करता है। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जाती हैं।

(वार्ता)

Created On :   30 Sept 2021 4:16 PM IST

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