जेट फाउंडर गोयल नहीं जा पाएंगे विदेश, हाईकोर्ट ने मांगी 18,000 करोड़ की गारंटी
- दिल्ली हाईकोर्ट ने नहीं दी विदेश जाने की अनुमति
- गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया है
- जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल नहीं जा पाएंगे विदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल अगर विदेश जाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले 18,000 करोड़ रुपये गारंटी के रूप में जमा करना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें भारत छोड़ने की अनुमति देने से इनकार करते हुए मंगलवार को ये बात कही। हाईकोर्ट ने हालांकि, गोयल के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र के जवाब की मांग की।
जस्टिस सुरेश काइट ने गोयल से कहा, "इस स्तर पर अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती है। यदि आप 18,000 करोड़ रुपये बैंक गारंटी जमा करने के लिए तैयार हैं, तो आप विदेश जा सकते हैं।" केंद्र ने अदालत को बताया कि 18,000 करोड़ रुपये की यह एक गंभीर धोखाधड़ी है और SFIO इसकी जांच कर रहा है। हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों और कानून और न्याय के मंत्रालयों को चार सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा। इसने मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
बता दें कि गोयल के खिलाफ LOC जारी किया गया है। 25 मई को दुबई जा रही फ्लाइट से गोयल को डी-बोर्ड कर दिया गया था। हालांकि उनके खिलाफ कोई भी ईसीआईआर/एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। गोयल ने LOC को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गोयल ने कहा कि उन्हें 25 मई को LOC के बारे में पता चला जब वह और उनकी पत्नी अनीता दुबई से होते हुए लंदन जा रही फ्लाइट में सवार हुए थे।
गोयल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने दलील दी कि 25 मई को जब दंपति डी-बोर्ड किए गए थे तो वो जांच से भागने का प्रयास नहीं कर रहे थे। वे एनआरआई है और एक निश्चित अवधि के लिए उन्हें विदेश जाना था। सिंह ने कहा कि जब गोयल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, तब उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं था।
लेकिन 6 जुलाई को जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो सीरियर फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) से समन जारी किया गया और उन्हें 10 जुलाई को जांच में शामिल होने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि गोयल वित्तीय संकट का सामना कर रहे जेट समूह के लिए धन की व्यवस्था करने के मकसद से दुबई और लंदन जाना चाहते थे।
याचिका में कहा गया है कि गोयल के विदेश जाने पर प्रतिबंध के कारण उन्हें अपना NRI दर्जा खोना पड़ सकता है। इसके अलावा, NRI होने के कारण गोयल के पास यूके रेसिडेंस वीजा और यूएई रेसिडेंस परमिट है। इसका रिनिवल 10 जुलाई 2019 और 23 जुलाई 2019 को ड्यू है। इसी वजह से उन्हें इन तारीखों से पहले यूके और यूएई जाना है।
याचिका का विरोध अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (SSG) मनिंदर आचार्य और केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसल अजय दिगपाल ने किया। उन्होंने कहा कि यह 18,000 करोड़ रुपये की गंभीर धोखाधड़ी है और SFIO इसकी जांच कर रहा है। SSG ने कहा कि गोयल को जांच में शामिल होना चाहिए और उनकी याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा।
नरेश और अनीता गोयल ने ऋण पुनर्गठन योजना के बाद, मार्च में जेट एयरवेज के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, जिसकी स्थापना 26 साल पहले की गई थी। उन्होंने एयरलाइन के चेयरमैन के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जेट एयरवेज की इन्सॉल्वेंसी की कार्यवाही चल रही है। मंत्रालय ने SFIO को जेट एयरवेज के मामलों की जांच का आदेश दिया है।
Created On :   9 July 2019 8:17 PM IST