भारत में क्रिप्टो को नहीं मिलेगी करेंसी की मान्यता! सरकार अपनाएगी बीच का रास्ता
- टैक्स के नजरिये से भी सोच रही है सरकार
- विचार के लिए कैबिनेट के पास जल्द पहुंचेगा क्रिप्टो पर नया कानून
- शेयर
- गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते है क्रिप्टोकरेंसी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सक्रिय हो गई है। आरबीआई के चेयरमैन शशिकांता दास इस को लेकर अपनी सारी चिंताएं सरकार के सामने रख चुके है। लेकिन कानूनी मान्यता देने की चर्चाओं के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों की माने तो लगभग यह तय हो गया है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के मूड में नहीं है लेकिन इस पर बीच का रास्ता अपनाया जा सकता है।
शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते है क्रिप्टोकरेंसी
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संभव है कि क्रिप्टो को बतौर करेंसी मंजूरी नहीं दी जाए लेकिन इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एक संपत्ति के तौर पर मान्यता दी जाए। करेंसी के तौर पर इसे मंजूरी नहीं देने पर इससे लेन-देन या भुगतान आदि के लिए मुद्रा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून को अंतिम रूप दे रही है। इसके तहत भुगतान और लेनदेन के लिए वर्चुअल करेंसी के उपयोग पर रोक लगाते हुए क्रिप्टो एसेट ट्रेडिंग के नियमन का रास्ता सरकार साफ कर सकती है।
विचार के लिए कैबिनेट के पास जल्द पहुंचेगा क्रिप्टो पर नया कानून
सूत्रों के मुताबिक जो कानून बनाया जा रहा है उसे अगले दो से तीन सप्ताह में कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को इसकी देखरेख और नियम आदि के लिए जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, अभी इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
टैक्स के नजरिये से भी सोच रही है सरकार
एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर टैक्सेशन के पहलुओं पर भी काम कर रही है। सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पेश कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में क्रिप्टोकरंसी पर चर्चा हुई। बैठक में मौजूद एक सूत्र के मुताबिक सबकी सोच यही है कि इस संबंध में उठाए गए कदम सक्रिय, "प्रगतिशील और दूरदर्शी" होने चाहिए क्योंकि यह एक विकसित हो रही तकनीक है।
Created On :   17 Nov 2021 6:49 PM IST