ये कैसी इमरजेंसी सुविधा: रस्सी से बांधकर रखे 108 एम्बुलेंस के गेट, चिकने सपाट हुए टायर, पोर्टेबल स्ट्रेचर भी जाम
- एम्बुलेंस के भीतर सफाई न होने से मरीजों को संक्रमण का खतरा
- मेंटेनेंस में बरती जा रही लापरवाही
- रस्सी बांध कर चलाया जा रहा काम
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। आपात स्थिति में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली 108 एम्बुलेंस खुद वेंटिलेटर पर है। मेंटेनेंस के अभाव में एम्बुलेंस की ही सांसें फूल रही है। हालात यह है कि कई एम्बुलेंस के लॉक खराब है, गेट पर रस्सी बांधकर काम चलाया जा रहा है। गाडिय़ों के टायर चिकने और सपाट हो चुके है, पोर्टेबल स्ट्रेचर जाम हो चुके है।
एम्बुलेंस के पायलटों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि गाड़ी तेज चलाने में डर लगता है। कभी भी टायर फटने से हादसा हो सकता है। कंपनी ६० हजार किमी होने पर टायर बदलती है। मजबूरी में इन्हीं टायरों के सहारे वाहन चलाने पड़ रहे है। गनीमत है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
मेडिकल किट भी आधी अधूरी
मरीजों को प्राथमिक इलाज देने एम्बुलेंस में फस्र्ट एड किट रखने के नियम हैं। किट के नाम पर अभी सिर्फ काटन और घाव पर लगाने एक ट्यूब दिया जा रहा है। कई गाडिय़ों में यह भी नहीं है। एम्बुलेंस स्टाफ को अस्पताल से मरहम पट्टी उधार लेनी पड़ती है। जबकि इस किट में थर्मामीटर, काटन, पट्टी, घाव पर लगाने वाली दवाएं, ग्लब्स समेत अन्य सामग्र्री होना जरुरी है।
संक्रमण का खतरा, नहीं हो रही सफाई
एम्बुलेंस में साफ-सफाई न होने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मान ले किसी टीबी पेशेंट को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया हो और उसके बाद पर्याप्त सफाई न होने पर आने वाला दूसरा मरीज संक्रमित हो सकता है। दुर्घटना में घायल पेशेंट का ब्लड एम्बुलेंस और स्ट्रेचर पर गिरता है। इसलिए हर रोज एम्बुलेंस को वॉश, सेनेटाइज करना और डिटाल से साफ करना होता है। एम्बुलेंस में कई-कई दिन सफाई नहीं होती।
बेसिक और एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में अंतर
बेसिक- बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन, ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, बीपी इंस्टूमेंट, सक्सन मशीन और फस्र्ट एड किट की सुविधाएं होनी चाहिए। हमारे जिले में कुछ एम्बुलेंस में तो सुविधाएं है लेकिन बाकि में पर्याप्त नहीं है।
एडवांस- एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन, वेंटिलेटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, बीपी इंस्टूमेंट, सक्सन मशीन, अंबू बैग समेत आधुनिक उपकरण की सुविधाएं होनी चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकारी
नोडल अधिकारी डॉ.प्रमोद वासनिक ने कहा- 108 एम्बुलेंस का मेंटेनेंस निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत होना चाहिए। एम्बुलेंस के रखरखाव में कंपनी स्टाफ द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। इस पर कार्रवाई की जाएगी।