मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023: श्योपुर और विजयपुर विधानसभा सीट पर इन दलों के बीच होगा महामुकाबला, चुनाव में गूंजेगा चीतों की मौत का मामला
- श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क
- चीतों के आस पास राजनीति
- एसटी वोट तय करता है हार जीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में नवंबर- दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनावों को लेकर पॉलिटिक्स पार्टियों के साथ साथ मतदाताओं में उत्साह दिख रहा है। जोर शोर से राजनैतिक दल चुनावी तैयारी में जुटे हुए है। वर्तमान समय में दलों के लिए सबसे बड़ी टेंशन प्रत्याशियों के नाम को लेकर है, इसके लिए पार्टियों के भीतर विचार-विमर्श, बैठक दौरे और बयानबाजी हो रही है। जिले की दोनों सीटों पर चुनावी इतिहास की बात की जाए तो यहां से बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार की जीत होती आई है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी कई बार के चुनावी नतीजों में यहां दूसरे नंबर पर रही है। श्योपुर और विजयपुर दोनों ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का बीएसपी गणित बिगाड़ देती है। हालांकि अभी तक बीएसपी यहां एक भी बार जीत नहीं सकी। ज्यादातर चुनावों में बीजेपी कांग्रेस और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया है। आज हम चंबल संभाग के श्योपुर जिले की विधानसभा सीटों का हाल चाल बताएंगे। और वहां के कारणों के साथ पुराने नतीजों पर फोकस करेंगे।
इस बार के चुनावों में श्योपुर की राजनीति प्रदेश के साथ पूरे देश में सुनाई देगी, इसके पीछे की वजह कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने जन्मदिन पर छोड़े गए नामीबिया चीता होगी। जिनमें से हाल ही में कुछ चीतों की मौत हो गई है। चीतों का मुद आपको बता दें कूनो नेशनल पार्क में चीतों के रख रखाव, पालन पोषण में कुछ में में से कुछ चीतों की मौत होना होगा। विपक्षी पार्टियां मध्यप्रदेश के साथ साथ केंद्र की बीजेपी पर सरकार चीतों को लेकर चुनाव में निशाना साधने का प्रयास करेगी। चीतों के मामले ने हाल ही में खूब सुर्खियां बंटोरी थी।
आपको बता दें श्योपुर जिले में श्योपुर और विजयपुर दो विधानसभा क्षेत्र आते हैं। दोनों ही सीट आदिवासी समुदाय बाहुल्य सीटें है। दोनों ही सीटों पर जिस जाति का आधिपत्य है, चुनाव में उनकी जाति के उम्मीदवार को कम ही जीत मिली है। हालांकि पार्टियां इन जातियों के उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतरने का मौका देती है।
श्योपुर विधानसभा सीट
श्योपुर विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां मीणा जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, श्योपुर में 25 -30 फीसदी वोटर्स मीणा जाति से है।
श्योपुर से अब तक विधायक
1952 में कांग्रेस के उदयभान सिंह चौहान
1957 में हिन्दू महासभा के रघुनाथ पटेल (रावत)
1962 में हिन्दू महासभा के रामस्वरुप वर्मा
1967 में जनसंघ से शिवचरण तिवारी
1972 में जनसंघ से लोकेन्द्र सिंह
1977 में जनता पार्टी से सरदार गुलाब सिंह
1980 में कांग्रेस से बद्रीप्रसाद रावत
1985 में कांग्रेस से सत्यभानू सिंह चौहान
1990 में बीजेपी से सरदार गुलाब सिंह
1993 में बीजेपी के रमाशंकर भारद्वाज
1998 में निर्दलीय बृजराज सिंह चौहान
2003 में बीजेपी के दुर्गालाल विजय भाजपा
2008 में कांग्रेस से बृजराज सिंह चौहान
2013 में बीजेपी दुर्गालाल विजय
2018 में कांग्रेस के बाबूलाल जंडेल
विजयपुर
विजयपुर विधानसभा सीट पर मतदाता संख्याओं की बात की जाए तो विजयपुर विस सीट पर अनुसूचित जनजाति समुदाय के वोटरों की सख्या सबसे अधिक है, 30 फीसदी वोट केवल आदिवासी समाज के हैं, जो सीट पर अन्य जाति के वोटों से सबसे अधिक हैं।
विजयपुर से विधायक
1952 में कांग्रेस के लक्ष्मीचंद वैश्य
1957 में कांग्रेस के बालमुकुंज मुदगल
1962 में कांग्रेस के नवलकिशोर निर्दलीय
1967 में जनसंघ के जगमोहन
1972 में जनसंघ के जगमोहन
1977 में समाजवादी अजीत दीक्षित
1980 में जनसंघ के जगमोहन
1985 में बीजेपी के बाबूलाल मेवडा
1990 में कांग्रेस के रामनिवास रावत
1993 में कांग्रेस के रामनिवास रावत
1998 में बीजेपी के बाबूलाल मेवडा
2003 में कांग्रेस के रामनिवास रावत
2008 में कांग्रेस के रामनिवास रावत
2013 में कांग्रेस के रामनिवास रावत
2018 में बीजेपी के सीताराम आदिवासी