पुरानी पेंशन योजना का विरोध कर रही बीजेपी क्या कर रही है यूटर्न लेने की तैयारी! 'फ्री की योजनाओं' ने बढ़ा दी है बीजेपी की टेंशन!

  • कर्नाटक चुनाव में हारने के बाद इस योजना के बारे में सोचने पर मजबूर हुई बीजेपी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-15 13:26 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में मिली करारी हार के बाद भाजपा में आत्ममंथन का दौर शुरू हो गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में मिली हार का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस द्वारा चुनाव में मुफ्त योजनाओं की घोषणा हैं। कांग्रेस के महिलाओं को मुफ्त बिजली और 2 हजार रूपये देने के वादों ने बीजेपी को आगे आने वाले चुनावों खासकर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए सोचने पर मजबूर कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक विपक्ष खासकर कांग्रेस के द्वारा चुनाव दर चुनाव की जा रहीं इन लोकलुभावन घोषणाओं से निपटने के लिए बीजेपी को एक खास रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। उसकी सबसे बड़ी चिंता पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर है, जिसे कांग्रेस अपने घोषणापत्र में प्रमुखता से उठाती है। हालांकि बीजेपी भी चुनावों में लोकलुभावन वादे करती है। लेकिन फ्री स्कीम की घोषणा करने से कतराती रही है। पार्टी के सबसे बड़े नेता और देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी सार्वजनिक रूप से इन स्कीमों को फ्री की रेवड़ी बताकर हमला करते रहे हैं। बीजेपी के एक बड़े धड़े का ऐसा मानना है कि इस तरह की स्कीमें ज्यादा समय तक सत्ता में स्थापित नहीं रख पाती हैं।

पुरानी पेंशन स्कीम पर सोचने को मजबूर हुई बीजेपी!

अगर हाल के राजनीतिक परिदृश्य पर नजर डालें तो ओल्ड पेंशन स्कीम चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और आप ने पंजाब विधानसभा चुनाव में इसकी घोषणा की और इसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनाव में प्रचार किया। दोनों ही दलों ने चुनाव जीते और राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक ओल्ड पेंशन स्कीम ने इन्हें जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं हिंदी बेल्ट के राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में से राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पहले ही इस स्कीम को लागू कर दिया है वहीं मध्यप्रदेश में पार्टी ने सरकार बनने के बाद इसे लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में साफ है कि यह मुद्दा 2024 के आम चुनाव आते-आते राज्यों से लेकर केंद्र की राजनीति में भी गूंज सकता है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे की गंभीरता को पार्टी आलाकमान भी अब समझ रहा है इसलिए केंद्र ने पहले ही इसकी समीक्षा के लिए एक समिति बनाने की घोषणा कर दी है। यह कमेटी आंध्र प्रदेश की पेंशन मॉडल का अध्ययन कर रही है। 

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