जीत के लिए उत्साहित कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच शुरू हुआ बैठकों का दौर, आगे की रणनीति पर फोकस
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एग्जिट पोल और पोल्स ऑफ पोल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वापसी के आसार दिखने से कांग्रेस नेता अतिउत्साहित नजर आ रहे है। लेकिन रूझान कुछ भी हो अंतिम फैसला तो मतदाता की ओर से ईवीएम में कैद मतों की गणना से ही होगा। जो आने वाला कल बताएंगा।
उससे पहले कर्नाटक में तीन प्रमुख राजनैतिक दलों के नेताओं की धड़कने तेज हो गई है। हर पार्टी अपने को सत्ता में देखने की इच्छुक है। इसके लिए पार्टी के नेताओं की ओर से चुनावी वादों के बाद जीतने के दावे ठोंके जा रहे है। लेकिन असली बादशाह तो वहीं होगा जो वोटिंग काउंटिंग में विजयी होगा और सियासी कुर्सी पर भी वहीं बैठेगा। लेकिन कई रूझानों में जेडीएस को किंगमेकर की भूमिका के तौर पर बताया जा रहा है। पोल के सर्वे कुछ भी कहे लेकिन कल शनिवार को पता चल जाएगा कि कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी या रहेगी?
पोल्स के अनुसार यदि नतीजे कांग्रेस के पक्ष में रहें तो कांग्रेस के लिए 2024 में दिल्ली के द्वार खुल जाएंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं में जीत का उत्साह और जोश बढ़ेगा। तमाम नेता कांग्रेस की जीत को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित करेंगे। तो कई राजनैतिक जानकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत का श्रेय देंगे। क्योंकि कर्नाटक खड़गे का गृह राज्य है और कांग्रेस ने एक दलित परिवार से नाता रखने वाले नेता को पार्टी का सर्वोच्च पद दिया है। जिससे वहां के दलित वोट ने कांग्रेस की तरफ रूख किया है। और यदि जीत बीजेपी के पक्ष में आती है तब हिजाब बैन, कांग्रेस का बजरंग दल पर बैन, और आरक्षण में बदलाव जैसे मुद्दों को जीत का श्रेय दिया जाएगा। यदि बीजेपी हारती है,तो न केवल वह सत्ता से बेदखल होगी बल्कि उसके दक्षिण में जमते जा रहे पैर भी जकड़ने लगेगे क्योंकि कर्नाटक राज्य को दक्षिण भारत का दुर्ग कहा जाता है। जहां से दक्षिण भारत के द्वार खुलते है।
जीत किसी की भी हो लेकिन दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों में आगे की रणनीति बनाने के लिए नेताओं के बीच बैठकों को दौर चालू हो गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले तो सूबे के सीएम बसवराज बोम्मई ने येदियुरप्पा से मुलाकात की।