उत्तराखंड सुरंग हादसा: 86 मीटर में से 50 मीटर की ड्रिलिंग पूरी, अगले 24 घंटे में सुरंग से बाहर आ सकते हैं मजदूर

  • 12 नवंबर से सुरंग के भीतर हैं मजदूर
  • टनल के अंदर है 41 मजदूर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-28 03:51 GMT

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों का आज 17वां दिन हैं, उन्हें टनल से निकालने की कोशिश अभी भी जारी है। पिछले दो हफ्तों से 41 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। बीते रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी थी जो अब तक जारी है।

वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 86 मीटर में से 50 से अधिक कर लिया गया है। अगर सबकुछ सामान्य रहा तो आने वाले 24 घंटे में मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सकता है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें सही सलामत बाहर निकाला जा सके लेकिन किसी न किसी प्रकार की कोई अड़चन रास्तें में आ ही जा रही है जिसकी वजह से राहत और बचावकर्मियों को अपने प्लान में बदलाव लाना पड़ रहा है।

24 घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन संभव

इस पूरे मामले पर प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं। जानकारी मिली है कि आज एक बार फिर वो टनल के पास जाने वाले हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे। पूरी रात मैनुअली ड्रिलिंग का काम चला है। पिछले 14 घंटों में 5 मीटर से ज्यादा की मैनुअली ड्रिलिंग करने में सफलता मिली है। 1.2 मीटर चौड़ी वाली वर्टिकल ड्रिलिंग भी अब तक 50 मीटर से ज्यादा हो चुकी है। जिसके जरिये लोगों को बाहर निकालने का रास्ता बन रहा है। इसे 86 मीटर तक ड्रिल करना है।

50 मीटर के पार हुई ड्रिलिंग

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि कल रात काम बहुत अच्छा हुआ। हम 50 मीटर पार कर चुके हैं। अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है। कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी। ड्रिलिंग कर रहे कर्मी ने बताया कि मैन्युअल खुदाई की जा रही है। हम 51 मीटर तक पहुंच गए हैं। 'रेट-होल माइनिंग' कर रहे मजदूरों ने कहा कि उम्मीद है कि काम जल्द ही पूरा हो जाएगा।

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2023-11-28 11:16 GMT

एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, " चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है। चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा। वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है। यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है।"

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