भारत और अमेरिका से मिले झटकों से बौखलाया ड्रैगन
- आतंकियों का समर्थन करता है चीन
- भारत की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शुमार मीर
- ड्रैगन के रवैये पर सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की तरफ आंख दिखाने वाले चीन को भारत अब कई झटके दे रहा है। आज चीन को एक नहीं दो दो झटके मिले है। पहला संयुक्त राष्ट्र की बैठक में जिस आतंकी को वैश्विक आतंकी घोषित होने से चीन बचा रहा था, उसका ऑडियो क्लीप भारत ने सुरक्षा परिषद की मीटिंग में सुना दिया, दूसरा दो अमेरिकी सांसदों ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए एक विधेयक संसद में पेश किया। दोनों मामलों को लेकर चीन को जो झटका मिला है, उससे ड्रैगन बौखलाया हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र की कई बैठकों में पाकिस्तान का समर्थन करते हुए चीन ने कई आतंकियों को वैश्वक आतंकी घोषित करने में अड़गा लगाया है। लेकिन भारत ने अब ड्रैगन की पोल खोल कर दी है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा में जब भारत 26/11 हमले के मास्टर माइंड लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा था, तब चीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया है। इससे पहले चीन ने साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में रोड़ा डाला था। भारत ने बगैर नाम लिए पाकिस्तान पर भी निशाना साधा, और उसे आतंकियों का अड्डा बताया।
आपको बता दें साजिद मीर भारत की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शुमार है। 2008 में मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने आतंकी हमला किया था। करीब पांच दिन चले इस हमले में 166 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र में ड्रैगन के इस रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि अगर हम खूंखार आतंकवादियों को आतंकियों की वैश्विक सूची में शामिल नहीं करा पा रहे तो यह आतंकवाद की चुनौती से निपटने की इच्छाशक्ति में कमी को दर्शाता है। चीन के विरोध के बाद भारतीय राजनयिक ने सभा में आतंकी साजिद मीर की ऑडियो क्लिप सुनाई । इस ऑडियो में साजिद मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों को निर्देश दे रहा है। क्लिप में यह भी सुना गया कि ताज होटल में जितने भी विदेशी हैं उन्हें मार दिया जाए। भारतीय राजनयिक ने आगे कहा कि हमले के 15 साल बाद भी साजिद मीर खुला घूम रहा है। पाकिस्तान में मीर को पूरी सुविधाएं मिल रही हैं। यह गुड टेररिज्म-बैड टेररिज्म की खतरनाक अवधारणा है।
चीन पर निशाना
भारतीय प्रतिनिधि ने आगे कहा कि कुछ देश अपने भू-राजनीतिक हितों के कारण दुनियाभर में आतंकवादी करार दिए गए आंतकी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित नहीं कर पा रहे है। तो यह हमारी आतंकवाद से चुनौती से निपटने की असल राजनीतिक इच्छाशक्ति पर सवाल खड़ा करती है।
आतंकवाद को रोकने की कोशिश में रोड़ा बन रहा चीन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को ब्लैक सूची में डालने के प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया। प्रस्ताव को अमेरिका ने पेश किया था, और भारत ने समर्थन दिया था। इस प्रस्ताव में आतंकी मीर की संपत्ति जब्त करने, यात्रा और हथियार पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की गई थी। लेकिन चीन ने अड़ंगा डालकर पूरे प्रस्ताव पर पानी फेर दिया। अमेरिका ने मीर पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा गया है
पाकिस्तान दावा करता है कि मीर की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक पाकिस्तान इसे साबित नहीं कर पाता। पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंक के वित्तपोषण मामले में मीर को 15 साल की होने का दावा करता है। वो ये भी दावा करतो है मीर की सजा के दौरान मौत हो चुकी है।
बीते साल मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक के वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल की सजा सुनाई थी। इससे पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है, लेकिन पाकिस्तान इसे साबित नहीं कर सका।
कौन है आतंकवादी साजिद मीर
आतंकी साजिद मीर पाकिस्तान का है, और मीर पाकिस्तान में ही रह रहा है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब समेत अन्य सभी आतंकियों को फोन पर हमले के लिए लगातार उनके संपर्क में रहकर निर्देश दे रहा था। जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब ने साजिद मीर का नाम लिया था। मुंबई हमले की साजिश में लश्कर का संस्थापक हाफिज सईद व जकिउर रहमान लखवी भी शामिल था।
अमेरिका का भारत को समर्थन
अमेरिका के दो सांसदों ने अरुणाचल प्रदेश पर भारत का समर्थन करते हुए अमेरिकी संसद में द्विदलीय विधेयक पेश किया है। विधेयक में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है। अमेरिका पहले से ही मैकमोहन लाइन को भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है। अमेरिका ने इस विधेयक पर विचार विमर्श करने के लिए एक शक्तिशाली सीनेट सदस्य संबंधी कमेटी बुधवार को बनाई है। इसे लेकर अमेरिकी कांग्रेस एग्जीक्यूटिव कमीशन ऑन चाइना के सह अध्यक्ष सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और कानून आधारित पद्धति का समर्थन करता है। यह प्रस्ताव साफ कर देता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है, ना कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का। विधेयक में अमेरिकी सरकार से सहयोगी देशों के साथ संबंध और मजबूत करने के लिए कहा गया है और चीन की आक्रामकता की आलोचना की गई है। विधेयक में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, तकनीक, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की बात भी कही गई है।