भारत में बुनियादी ढांचे पर रैंसमवेयर हमलों में 70 फीसदी की वृद्धि

साइबर अटैक भारत में बुनियादी ढांचे पर रैंसमवेयर हमलों में 70 फीसदी की वृद्धि

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-27 09:00 GMT
भारत में बुनियादी ढांचे पर रैंसमवेयर हमलों में 70 फीसदी की वृद्धि
हाईलाइट
  • भारत में बुनियादी ढांचे पर रैंसमवेयर हमलों में 70 फीसदी की वृद्धि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर साइबर हमलों में काफी वृद्धि देखी गई है और भारत में 2021 की चौथी तिमाही में रैंसमवेयर हमलों में 70 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बुधवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

साइबर सुरक्षा कंपनी ट्रेलिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर साइबर हमले रूस और चीन में से किए गए।

पिछले हफ्ते रिपोर्ट आई थी कि नाइजीरिया में एक सर्वर से लगाए गए एक रूसी मैलवेयर का इस्तेमाल असम में ऑयल इंडिया (ओआईएल) सिस्टम पर साइबर हमले के लिए किया गया।

राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी को पूर्वी असम के दुलियाजान में अपने फील्ड मुख्यालय में एक बड़ा साइबर हमले का सामना करना पड़ा था, जिसमें हैकर ने 75,00,000 डॉलर की मांग की थी।

रिपोर्ट में व्यक्तियों को टारगेट करने वाली साइबर घटनाओं में 73 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि पाई गई और 2021 की चौथी तिमाही में टॉप अटैक सेक्टर में निजी लोग ही शामिल थे।

आम उपभोक्ता साइबर अपराधियों के निशाने पर रहे हैं, इसके बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का नंबर आता है।

इसके अलावा, परिवहन, शिपिंग, विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगों में भी साइबर अटैक की घटनाओं में वृद्धि देखी गई।

ट्रेलिक्स थ्रेट लैब्स के प्रमुख वैज्ञानिक और प्रमुख इंजीनियर क्रिस्टियान बीक ने कहा, हम साइबर सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं और देख रहे हैं कि इस तरह के हमले लगातार बढ़ रहे हैं।

चौथी तिमाही ने दो साल की महामारी से बाहर निकलने का संकेत दिया, जिसका साइबर अपराधियों ने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और लॉग4शेल भेद्यता ने सैकड़ों लाखों उपकरणों को प्रभावित किया जो नए साल में भी जारी रहा।

परिवहन और शिपिंग उद्योग भी खतरे से बाहर नहीं रहे, यहां एडवांस्ड परसिस्टेंट थ्रेट (एपीटी) समूचे हमले का 27 फीसदी रहा।

हेल्थकेयर दूसरा सबसे अधिक क्षेत्र था जो निशाने पर रहा, जिसमें कुल हमलों का 12 प्रतिशत हिस्सा था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 की तीसरी से चौथी तिमाही तक, विनिर्माण के लिए खतरा 100 प्रतिशत और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए खतरा 36 प्रतिशत बढ़ गया।

माना जाता है कि एपीटी29 रूसी सरकारी संस्थाओं के लिए संचालन किया जाता है, जो राष्ट्र-राज्य समूहों में सबसे अधिक सक्रिय है।

मैलवेयर सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है, जो कुल साइबर घटनाओं का 46 प्रतिशत है।

आईएएनएस

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