वी सिग नेटवर्क ने पहली स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित की

आईआईटी हैदराबाद वी सिग नेटवर्क ने पहली स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-22 11:00 GMT
वी सिग नेटवर्क ने पहली स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित की

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। भारत की 5जी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए, आईआईटी हैदराबाद (आईआईटीएच) और वी सिग नेटवर्क ने पहली बार स्वदेशी रूप से 5जी वायरलेस ब्रॉडबैंड तकनीक विकसित की है।

आईआईटीएच और वीसिग नेटवर्क ने संयुक्त रूप से स्वदेशी रूप से विकसित 5जी ओआरएएन तकनीक का उपयोग करते हुए पहली 5जी डेटा कॉल की घोषणा की है। कॉल मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट (एमआईएमओ) सक्षम बेस स्टेशन का उपयोग करके किया गया था, जो 3.3-3.5 गीगा हट्र्ज फ्ऱीक्वेंसी बैंड में 100मेगा हट्र्ज बैंडविड्थ को सपोर्ट करता है।

वी सिग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ साई धीरज ने कहा, वी सिग ने छोटे सेल, विशाल एमआईएमओ मैक्रो सेल डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट (डीयू) विकल्प 7.2 एक्स, एकीकृत एक्सेस बैकहॉल (आईएबी) इकाई सहित ओआरएएन अनुरूप 5जी इंफ्रा समाधानों की एक श्रृंखला की घोषणा की जो एमएम-वेव और सब 6 गीगाहट्र्ज आवृत्ति बैंड का समर्थन करती है। ये समाधान और भारतीय वायरलेस उपकरण निर्माताओं के लिए लाइसेंस के आधार पर उत्पाद उपलब्ध हैं।

आईआईटी रिसर्च पार्क के आधार पर, वी सिग नेटवर्क्‍स प्राइवेट लिमिटेड एक बढ़ता हुआ भारतीय स्टार्टअप है जो 5जी मोबाइल संचार उत्पाद और समाधान विकसित करने पर केंद्रित है। आईआईटीएच और वी सिग ने 100 से अधिक 5जी पेटेंट विकसित किए हैं और जिनमें से 15 टीएसडीएसआई (दूरसंचार मानक विकास सोसायटी, इंडिया) को 3जीपीपी 5जी मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपीएस) के रूप में घोषित किए गए हैं।

आईआईटीएच के डीन (आर एंड डी), प्रोफेसर किरण कुची ने कहा, यह स्वदेशी 5जी विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। आईआईटी हैदराबाद और वी सिग नेटवर्क ने पहली बार स्वदेशी रूप से 5जी वायरलेस ब्रॉडबैंड तकनीक विकसित की है, जिससे भारत 5जी और उससे आगे के लिए सबसे आगे आ गया है।

इन क्षमताओं से लैस, भारत आत्मनिर्भर हो सकता है। वायरलेस ब्रॉडबैंड उपकरणों के डिजाइन और निर्माण में और भविष्य की पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और सेवाओं में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आईआईटीएच के निदेशक प्रोफेसर बी एस मूर्ति ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को उस समर्थन के लिए धन्यवाद दिया, जिसके कारण आईआईटीएच में विश्व स्तरीय 5जी प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ।

मूर्ति ने कहा, मानवता के लिए प्रौद्योगिकी (आईआईटीएच) में आविष्कार और नवाचार करना हमारा मंत्र है और हम उम्मीद करते हैं कि वी सिग भारत को 5जी स्पेस में आत्मनिर्भर बनाएगा।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद (आईआईटीएच) 2008 में भारत सरकार द्वारा स्थापित आठ नए आईआईटी में से एक है। वी सिग नेटवर्क्‍स को 2016 में शोधकर्ताओं और अन्वेषकों के एक समूह द्वारा नई 5जी संचार प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और व्यावसायीकरण करने के इरादे से इनक्यूबेट किया गया था।

(आईएएनएस)

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