छह माह बाद मिली युवती को रोशनी

  • फैको पद्धति से हुआ ऑपरेशन
  • छह माह पहले खत्म सी हो गई थी आंखों की रोशनी
  • लायंस नेत्र चिकित्सालय परासिया में हुआ ऑपरेशन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-20 10:51 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत के चलते 20 वर्षीय युवती को छह माह बाद आंखों में रोशनी मिली। तीन दिनों के अंतराल मेें युवती की दोनों आंखों का आपरेशन फैको पद्धति से हुआ, बुधवार को उसकी आंखों की पट्टी हटाने पर उसने अपनी 3 माह की बेटी सीमा को पहली बार देखा, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी का जन्म के पूर्व से ही सम्मो को दोनों आंखों में मोतियाबिंद के चलते दिखाई देना बंद हो गया था।

रामाकोना के करीब जामलापानी निवासी 56 वर्षीय धनलाल की छोटी बेटी सम्मो का विवाह दो साल पहले महाराष्ट्र के सावनेर जिले में हुआ था। छह माह से सम्मो की आंखों में रोशनी खत्म सी हो गई थी। सम्मो ने तीन माह पहले ही एक बेटी को जन्म दिया था। 15 दिन पहले धनलाल अपनी बेटी को साथ ले आया। रामाकोना के व्यापारी राजेश गोहे के माध्यम से सम्मो को लायंस नेत्र चिकित्सालय परासिया लाकर भर्ती करवाया। नेत्र चिकित्सक डॉ कुशल पंडित ने तीन दिन के अंतराल में दोनों आंखों का आपरेशन कर सम्मो की आंखों में रोशनी लौटाई।

लायंस क्लब के वरिष्ठ सदस्य पूरन राजलानी और अनिल जैन ने बताया कि किसी भी मरीज की एक आंख का ऑपरेशन के बाद दूसरा ऑपरेशन 15 दिनों बाद करते हैं, किन्तु सम्मो की एक आंख का 15 जुलाई और दूसरी आंख का 18 जुलाई को ऑपरेशन हुआ। आर्थिक रूप से कमजोर सम्मो और उसके पिता धनलाल की स्थिति ऐसी नहीं लगी कि वे दूसरी आंख का ऑपरेशन करवाने फिर अस्पताल आ सके। इसलिए तीन दिनों में दोनों आंखों का ऑपरेशन कर दिया गया।

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