बोरपानी में डायरिया: जिस नलकूप ने निगली दो जिंदगी, उसके पानी को पीएचई ने दी क्लीन चिट, जांच रिपोर्ट में पानी को बताया शुद्ध, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
- वनग्राम बोरपानी में उल्टी-दस्त का प्रकोप
- प्रशासन रोकथाम में हो रहा असफल
- दो ग्रामीणों की गई जान, दर्जनों बीमार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। तीन दिन पहले वनग्राम बोरपानी में फैले उल्टी-दस्त के प्रकोप का कारण प्रशासन के लिए ही एक पहेली बन गया है। डायरिया से दो ग्रामीणों की जान चली गई और दर्जनों ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अभी भी कई पेशेंट अस्पताल में भर्ती है। पहले दिन प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि गांव के नलकूप से आपूर्ति हुए पेयजल के चलते यहां डायरिया फैला है। शुक्रवार को पीएचई की रिपोर्ट ने इसी नलकूप के पानी को शुद्ध और पीने योग्य बता दिया। हालांकि प्रशासन इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है।
पीएचई के अनुभागीय अधिकारी सुभाष गाडगे ने बताया कि नलकूप, हैंडपंप और लोगों के घरों से जब्त पानी के सैंपल की जांच सौंसर लैब में की गई है। पानी शुद्ध और पीने योग्य पाया गया है। इसके बाद हम स्पष्ट करते हैं कि इस नलकूप के पानी से कोई बीमार नहीं पड़ा। दूसरी ओर बीएमओ डॉ दीपेश सलामे ने कहा कि दूषित पानी की वजह से ही लोग डायरिया का शिकार हुए है। इनमें से किसी पेशेंट में फूड पाइजनिंग या अन्य किसी कारण से डायरिया के लक्षण नहीं दिखाई दिए है। इलाज के बाद सभी डायरिया पेशेंट इलाज के बाद स्वस्थ है।
क्या कहते हैं अधिकारी
नलकूप का पानी शुद्ध था अभी यह नहीं माना जा सकता। प्रकोप कैसे फैला इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल सभी मरीज स्वस्थ है।
- अजय देव शर्मा, कलेक्टर पांढुर्ना।