पानी के लिए ग्रामीणों ने रोका महाराष्ट्र-तेलंगाना हाईवे 

चंद्रपुर पानी के लिए ग्रामीणों ने रोका महाराष्ट्र-तेलंगाना हाईवे 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-04 10:14 GMT
पानी के लिए ग्रामीणों ने रोका महाराष्ट्र-तेलंगाना हाईवे 

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ग्राम पंचायत  की लापरवाही की वजह से अनेक गांव की पिछले 4 दिनों से जलापूर्ति ठप पड़ी हुई है।  ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और ग्रामीणों ने महाराष्ट्र-तेलंगाना महामार्ग पर चक्का जाम कर दिया। लगभग 3 घंटे बाद पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने जिप सीईओ को 2 लाख रुपए भरकर जलापूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए हैं।

गोंडपिपरी तहसील के हेटी नांदगांव, सकमूर, गुजरी, चेकनांदगांव, कुडेनांदगांव, टोलेनांदगांव की जलापूर्ति ठप पड़ी है। सकमूर के ग्रामीणों ने पानी का बिल भरा है इसके बावजूद सरकार ने नलयोजना बंद कर दी। ग्रामीणों की शिकायत की जांच करने पर पता चला है कि ग्राम पंचायत ने बिल नहीं भरा। यह गांव वर्धा नदी किनारे बसा है। वर्धा नदी से प्रादेशिक जलापूर्ति योजना अंतर्गत नलों की सहायता से ग्रामीणों को जलापूर्ति की जाती है। इस वजह से ग्रामीणों को अनेक बार समस्याओं का सामना करना  पड़ता है। 3 फरवरी की सुबह ग्रामीणों ने महामार्ग जाम कर अनशन शुरू किया।  3 घंटे के बाद गोंडपिपरी तहसील के विकास अधिकारी माउलीकर, नायब तहसीलदार, मंडल अधिकारी ने आंदोलन को भेंट देकर ग्रामीणों से विचार विमर्श किया लेकिन ठोस आश्वासन न मिलने की वजह से उनका अनशन जारी था। इसकी सूचना राज्य के वनमंत्री और जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को मिली। उन्होेंने तत्काल समस्या को गंभीरता से लेते हुए 2 लाख रुपए भरकर जलापूर्ति सुचारू करने के निर्देश जिला परिषद सीईओ को दिए। उनके निर्देश का पालन कर ग्रामीणों की जलापूर्ति सुचारू की गई।

जलसंसाधन मंत्री ने दिया था आश्वासन
वैसे वर्धा नदी किनारे बसे इन गांव की पेयजल की समस्या 2 दशक पुरानी है। ग्रीष्मकाल के दिनों में अधिकांश ग्रामीणों को नाले के पानी से अपना गुजारा करना पड़ता है। मई 2022 में ऐसी ही हालत के बाद हेटी नांदगांव और टोलेनांदगांव में छाए जलसंकट की वजह से कोई अपनी पुत्री को यहां के युवकों से ब्याहने को तैयार नहीं इस आशय के समाचार प्रकाशित होने पर  और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिले के जनप्रतिनिधियों ने कोई सुध नहीं ली थी लेकिन हजारों किमी दूर मुंबई में जलसंवर्धन मंत्री ने संज्ञान लेकर इन गांव को जलसंकट से मुक्ति दिलाने के आदेश दिए थे। लेकिन शुक्रवार को समस्या देखकर जलसंवर्धन मंत्री के आदेश भी युवाओं के लिए महज आश्वासन बनकर रह जाने की बात सामने आई है। इसके चलते शुक्रवार को ग्रामीणों को चक्का जाम करना पड़ा।
 

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