वनराज का मुक्त विचरण और वहीं दो दिन तक भटकता रहा मनोरोगी
चंद्रपुर वनराज का मुक्त विचरण और वहीं दो दिन तक भटकता रहा मनोरोगी
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । मोहुर्ली वनपरिक्षेत्र में वनराज के इलाके में एक युवक दो दिन घूमता रहा लेकिन सौभाग्य से कोई अनुचित घटना नहीं घटी, जिससे आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बाघ, तेदुंआ भालू सहित कई हिंसक प्राणियों का निवास है। एेसी जगह पर दो दिन अकेले रहना यह खतरे से कम नहीं है। बावजूद संबंधित व्यक्ति को कुछ नहीं हुआ यह केवल भगवान का ही आशीर्वाद हो सकता एेसी चर्चा मंगलवार को मोहुर्ली गांव में चल रही थी। जानकारी के अनुसार मोहुर्ली निवासी राजेश चरणदास मेश्राम (48) मनोरोगी होकर वह 31 दिसंबर को जंगल में घूमते हुए पर्यटक को दिखाई दिया। इसकी जानकारी मोहुर्ली वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे को मिलने पर उन्होंने तत्काल पथक नियुक्त कर संबंधित व्यक्ति की तलाश शुरू की। व्यक्ति 31 दिसंबर की शाम 6 बजे के दौरान दिखाई दिया लेकिन उसके पास जाने पर वह जंगल में भाग जाता था। 2 दिन निरंतर मनोरोगी राजेश जंगल में घूम रहा था, किंतु वनकर्मी दिखाई देने पर वह भाग जाता था। आखिरकार चारों ओर से घेराव कर संबंधित व्यक्ति को मंगलवार की सुबह 4 बजे पकड़कर परिवार को सौंप दिया। संबंधित व्यक्ति की हालत स्थिर होकर उसकी तबीयत अच्छी होने की जानकारी दी गई। यह तलाश मुहिम संतोष थिपे के नेतृत्व में वनपाल संजय जुमडे, वनरक्षक सुरेंद्र मंगाम, वनरक्षक आकाश राठोड, वनरक्षक विखुल जनबंधु तथा वनमजदूर मदद के रूप में पुलिस पाटील रामकृष्ण साखरकर, राजू ढवले का समावेश था। दिन-रात जारी मुहिम को पूरा करने में आखिरकार वनविभाग को सफलता मिली। इस परिसर में बड़े पैमाने पर बाघ, तेंदुआ, भालू सहित कई हिंसक प्राणियों का निवास वास्तव है। बावजूद तीन दिन जंगल में रहने के बाद भी किसी प्रकार की अनुचित घटना नहीं होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। जिससे वनविभाग की सराहना हो रही है।
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