शहतूती मलबरी रेशम विस्तार योजना के तहत कृषकों से 31 मार्च तक रेशम पोर्टल पर पंजीयन करने की अपील!
शहतूती मलबरी रेशम विस्तार योजना के तहत कृषकों से 31 मार्च तक रेशम पोर्टल पर पंजीयन करने की अपील!
डिजिटल डेस्क | उमरिया शहतूती रेशम क्रम पालन कृषि पर अधारित रोजगार के साधन की एक अभिनव योजना है। न्यूनतम लागत से कृषि के साथ स्थापित किए जाने वाले स्वरोजगार तथा सुनिश्चित आय का साधन है। मलबरी रेशम कृमि पालन योजना से पूर्ण शहतूत सफल रोपण कर प्रथम वर्ष 20 से 30 हजार रू., द्वितीय वर्ष 50 से 70 हजार रू0 तथा तृतीय वर्ष 75 हजार डेढ लाख रू. तक की आय अर्जित की जा सकती है।
एक बार शहतूत पौध रोपण करके उसी पौधे से लगातार 15 वर्षो तक प्रति वर्ष 4- 5 फसलें रेशम उत्पादन की ली जा सकती है। कृषकों द्वारा उत्पादित कोया की गुणवत्ता अधारित दरों पर मध्यप्रदेश श्ल्पि फेडरेशन द्वारा शत प्रतिशत किया जाता है। ऐसे कृषक जिनके पास एक एकड़ ढालू या समतल डोमर कछारी उपजाउ भूमि जिसमें 12 मासी सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो योजना का लाभ उठा सकते है।
कृषको शहतूत पौध रोपण व रेशम कृमि पालन की क्रिया भी तकनीक की जानकारी समय समय पर विभागीय अमले द्वारा दी जाती है। कृषको को शासन द्वारा कृमि पालन हेतु सिंचाई सुविधा व उपकरण विभाग के माध्यम से अनुबंध की शर्तो के अनुसार उपलब्ध कराई जाती है। कृषक योजना अपनाने हेतु ई रेशम पोर्टल पर 31 मार्च तक अपना पंजीयन करा सकते है। पंजीयन हेतु कृषक के पास भूमि का नक्सा, खसरा, स्वयं की फोटो, बैंक खाता के पासबुक, आधार कार्ड व समग्र आईडी संलग्न करनी होगी।