एक करोड़ की लागत से बनी शवदाहिनी का नहीं हो रहा उपयोग
अनदेखी एक करोड़ की लागत से बनी शवदाहिनी का नहीं हो रहा उपयोग
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बाबूपेठ परिसर की एकमात्र श्मशानभूमि पिछले कई वर्ष से अपनी हालत पर आंसू बहा रही है। लेकिन इस समस्या की ओर मनपा प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके चलते नागरिकों में रोष व्याप्त है। इसी श्मशानभूमि में खनिज विकास निधि के तहत 1 करोड़ 2 लाख रुपए खर्च कर एलपीजी शवदाहिनी लगाई गई। लेकिन इस शवदाहीनी में पिछले डेढ़ वर्ष से किसी शव का दहन नहीं होने की बात सामने आयी है। जिससे जनता के पैसों का दुरुपयोग होने का आरोप लगाया जा रहा है। बता दें कि बाबूपेठ परिसर स्थित श्मशानभूमि में शहर के बंगाली कैम्प, अष्टभूजा, महाकाली कालरी सहित संपूर्ण बाबूपेठ परिसर के लोग अंतिम संस्कार के लिए इस श्मशानभूमि में आते हैं। लेकिन यहां विविध समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। जिस तरह जनसंख्या बढ़ रही है, उसकी तुलना में हर रोज यहां अंतिम संस्कार की विधि भी बढ़ रही है। यहां केवल एक ही शवदाहिनी है। साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। श्मशानभूमि परिसर को सुरक्षा दीवार की आवश्यकता है। इसी के साथ जंगल से बहने वाला पानी श्मशानभूमि से बारह माह बहता रहता है। जिससे यहां नहाने चबूतरे बनाना आवश्यक है। इसी के साथ कुछ जगह पर सीसीटीवी कैमरा की आवश्यकता है। लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देने से यहां आनेवाले लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में मनपा आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। यदि सात दिनों में इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो, नागरिकों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है।