खाकी पर तीन सैंकड़ा से ज्यादा पेंडिंग अपराधों का भार, साल भर में दर्ज हुए आठ हजार मामले, सबसे अधिक कोतवाली में

मध्य प्रदेश खाकी पर तीन सैंकड़ा से ज्यादा पेंडिंग अपराधों का भार, साल भर में दर्ज हुए आठ हजार मामले, सबसे अधिक कोतवाली में

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-15 10:29 GMT
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डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले की खाकी पर अपराधों का बोझ बढ़ रहा है। पिछले एक साल में जिले के 19 थानों में आठ हजार से अधिक अपराध कायम हुए। अभी भी पुलिस पर तीन सैंकड़ा अपराध पेंडिंग हैं जिसके निकाल(निराकरण) के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है। नए साल की शुरुआत का एक पखवाड़ा बीता जहां हर थाने में 12 से 15 अपराध दर्ज हो चुके है। साल भर में सबसे ज्यादा अपराध कोतवाली में तो सबसे कम अजाक थाने में दर्ज हुए हैं।

प्रमुख बड़े थानों में अपराध की स्थिति

थाना        कुल अपराध   पेंडिंग      पेंडिंग चालान
कोतवाली    1039        71         19
बरघाट       700         14          17
केवलारी      625        25          07
डूंडासिवनी   621         19          18
कुरई         557         23          32
छपारा        526        17           01
लखनादौन    509        18           06
कान्हींवाड़ा    393        11          03

एसओ थानों में बढ़े अपराध

एसओ थाना     कुल अपराध    पेंडिंग  पेंडिंग चालान  
बंडोल           537           05        03
धनौरा            459          13        11
धूमा             429           08        01
अरी             390           06        02
उगली           304           04        01

दिसंबर माह में कम एफआईआर

जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग का हर थानों में दिसंबर माह में पेंडिंग मामलों का निकाल करने का रहता है। वहीं चालान पेश करने का दबाव बना रहता है। ऐसे में दिसंबर माह में अधिकांश थानों में होने वाली शिकायतों पर कम ही एफआईआर दर्ज हुई है। अधिकांश की एफआईआर तो नए साल के बाद हुई है। पुलिस भी नहीं चाहती कि पेंडिंग अपराध और चालान के आंकड़ों का बोझ न बढ़े।

ये अपराध पुलिस के लिए बने चुनौती

पिछले साल कई क्षेत्रों में चोरी की घटनाएं हुई थी। इसमें से कुछ ही मामले में खुलासा हुआ है। चोरी के कई मामले पुलिस की अभी जांच में है। इसके अलावा अज्ञात  लाश के मामले में भी अभी तक शिनाख्त नहीं हुर्ई है। वहीं बैंकों में चोरी और लूट की घटनाओं का खुलासा भी पूरी तरह नहीं हुआ है।

इनका कहना है

हर थानों की श्रेणियां बनाई गई हैं। पिछले साल अपराध दर्ज हुए हैं उसमें पेंडेंसिंग कम है। अधिकांश मामलों निकाल हो चुके हैं।

रामजी श्रीवास्तव, एसपी, सिवनी

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