नरभक्षी बाघ और जंगली हाथियों का तत्काल बंदोबस्त करें

मांग नरभक्षी बाघ और जंगली हाथियों का तत्काल बंदोबस्त करें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-07 12:54 GMT
नरभक्षी बाघ और जंगली हाथियों का तत्काल बंदोबस्त करें

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। गड़चिरोली के नरभक्षक बाघ और उत्पाती हाथियों का तत्काल बंदोबस्त करने के साथ ही बाघ के हमले में मरने वालों की भांति ही स्थायी रूप से विकलांग होने वालों को उतनी ही आर्थिक मदद और सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर पैनल के हाॅस्पिटल में उपचार कराने के साथ ही स्थायी उपाय योजना के लिए शुक्रवार को गड़चिरोली जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से सांसद बालू धानोरकर, विधायक प्रतिभा धानोरकर की अगुवाई में जिलाधीश कार्यालय के सामने धरना आंदोलन कर जिलाधीश और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के ओएसडी इंगोले के साथ विचार-विमर्श किया है।

गड़चिरोली जिले में इन दिनों बाघ और हाथियों का उत्पात शुरू है। इसकी वजह से किसानों की फसलों का भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए बाघ और हाथियों के बंदोबस्त की मांग के लिए शुक्रवार को गड़चिरोली के कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेंद्र ब्राम्हणवाडे और संदेश विधाते की अगुवाई में गड़चिरोली से चंद्रपुर पहुंचे आंदोलनकारियों ने जिलाधीश कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया। आंदोलन के दौरान सांसद धानोरकर ने कहा कि, हिंसक जानवर के हमले में कोई किसान, मजदूर अथवा अन्य के हमले में स्थायी रूप से विकलांग होने पर पुलिस, वन कर्मचारी, वेकोलि कर्मचारियों की तर्ज पर पैनल के हाॅस्पिटल में उनके ठीक होने तक पूरा उपचार होना चाहिए। उसी प्रकार मृतक को दिए जाने वाले मुआवजा के बराबर उसे भी मुआवजा दिया जाना चाहिए, क्योंकि स्थायी रूप से विकलांग आय प्राप्ति का कोई काम नहीं कर सकता है। इसलिए उसे मृतक के बराबर का मुआवजा देना चाहिए।

घायलों को अस्थायी रूप से 25 हजार रुपए अथवा सवा लाख रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता की बजाय हिंसक जानवरों की स्थायी उपाय योजना की जानी चाहिए। सन 1979 से अनेक लोग वनविभाग की जमीन पर हैं, लेकिन आज तक सैकड़ों के पास जमीन का पट्टा न होने से यह लोग आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इसलिए इन लोगों को जमीन का अधिकार दिया जाना चाहिए। वनविभाग की अनुमति के अभाव में अटके जिले के मार्ग के काम को तत्काल मंजूरी देकर पूरा करें, सूरजागढ़ प्रकल्प के लिए काटे गए पेड़ों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करें, गड़चिरोली जिले में हो रही सागौन तस्करी पर रोक लगाएं, कमलापुर के हाथियों का स्थानांतरण रोककर पर्यटन स्थल का विकास करें, हर हाथी की देखभाल के लिए प्रशिक्षित महावत और एक चारा काटने वाला, जिले के वन मजदूरों पर लगाए गए झूठे आरोप वापस लें, हाथियों के नुकसान का मुआवजा तत्काल देने जैसी मांगों के लिए आंदोलनकारी चंद्रपुर पहुंचे। 
 
गड़चिरोली जिला कांग्रेस की ओर से वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के निवास पर घंटानांद आंदोलन करने वाले थे, लेकिन सांसद बालू धानोरकर और विधायक प्रतिभा धानोरकर के कहने पर आंदोलनकारी वन मंत्री के निवास की बजाय जिलाधीश कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। अंत में जिलाधीश से विचार विमर्श के बाद मागों का ज्ञापन सौंपा है। धरना आंदोलन में डा. नामदेव, रजनीकांत मोटघरे, वसंता राऊत, मिलिंद खोब्रागड़े, मनोज आग्रवाल, विजय गोरेवार, अतुल मल्लेवार के साथ गड़चिरोली, चंद्रपुर जिले के कांग्रेस, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, किसान, वन मजदूर और आम नागरिक शामिल थे। 
 


 

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