वृक्षारोपण के वृहद अभियान "अंकुर" से जुड़कर ऑक्सीजन समृद्ध प्रदेश बनायें - मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान का संदेश!
वृक्षारोपण के वृहद अभियान "अंकुर" से जुड़कर ऑक्सीजन समृद्ध प्रदेश बनायें - मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान का संदेश!
डिजिटल डेस्क | दमोह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि, स्वच्छ पर्यावरण और प्राणवायु से समृद्ध प्रदेश बनाने के लिये जन-सहभागिता से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण का वृहद अभियान "अंकुर" प्रारंभ किया जा रहा है। वृक्षों द्वारा कार्बन डाई ऑक्साइड का अवशोषण और वातावरण में ऑक्सीजन का उत्सर्जन बढ़ाना ही अंकुर अभियान का उद्देश्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आमजन के लिये अपने संदेश में कहा कि "अंकुर" कार्यक्रम में जन-सहभागिता के लिये मोबाइल पर "वायुदूत एप" डाउनलोड कर स्व-पंजीयन करना होगा और पौधा रोप कर उसका फोटो अपलोड करना है। फलदार-छायादार वृक्ष का पौध-रोपण और देखभाल करने वाले चयनित प्रतिभागियों को सम्मानित कर उन्हें सहभागिता प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाएँगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपील की है कि वृहद वृक्षारोपण के अभियान "अंकुर" में अधिक से अधिक नागरिक उत्साह के साथ जुड़कर इस पुनीत पर्यावरण यज्ञ में शामिल हों और पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण के प्रति आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने और संरक्षण एवं संवर्धन से जुड़े सकारात्मक कार्य के लिये उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रति-वर्ष पाँच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय पारिस्थितिकी तंत्र का पुनरूद्धार रखा गया है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पेड़-पौधे, जंगल, पहाड़, नदी, झील और भूमि आदि के साथ मनुष्य के परस्पर संबंध के महत्व को समझना आवश्यक है। प्रकृति के साथ सहचर्य और शांति की भावना से जीवन जीना आज के समय की अनिवार्यता है।
पारिस्थितिकी तंत्र में वृक्ष और वनस्पति एक महत्वपूर्ण कड़ी है। घने वृक्ष और प्रचुर मात्रा में वनस्पति की मौजूदगी पारिस्थितिकी तंत्र के सुरक्षित एवं सक्रिय होने की सूचक होती है। विकास की अनिवार्यता के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरणीय तंत्र में मानव जनित असंतुलन के दुष्परिणाम, जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता में असंतुलन और महामारी के रूप में सामने आ रहे हैं। अतरू हमें अपने परिवेश को स्वच्छ रखना होगा। वातावरण को शुद्ध रखने और प्राण-वायु ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिये अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएँ दी।