रोजगार की तलाश में मजदूर कर रहे पलायन
कर रहे ट्रेन का इंतजार रोजगार की तलाश में मजदूर कर रहे पलायन
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले की आधे से अधिक तहसीलों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। अब खेतों में रबी की बुआई पूरी हो चुकी है इसलिए उद्योगरहित तहसीलों के मजदूर रोजगार की तलाश में पड़ोसी राज्य तेलंगाना के लिए पलायन कर रहे हैं। रविवार की रात मजदूरों की संख्या अधिक होने की वजह से कपकंपाती ठंड के बीच इन मजदूरों को स्टेशन के प्रतीक्षालय के बाहर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा।
चंद्रपुर जिले को औद्योगिक जिले के रूप में पहचाना जाता है किंतु जिले की मूल, सावली, नागभीड़, सिंदेवाही, ब्रह्मपुरी, चिमूर, पोंभुर्णा, गोंडपिपरी, जिवती और कोरपना तहसील (गडचांदूर नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) उद्योग नहीं है। इन तहसीलों का प्रमुख उद्योग कृषि है। खरीफ के सीजन में जिले के जिवती कोरपना तहसील को छोड़कर अन्य तहसीलों में धान का उत्पादन किया जाता हैै। इसलिए जिले को धान का कटोरा कहा जाता है। खरीफ में धान की फसल के बाद रबी की बुआई हो चुकी है और हरी सब्जियों की बाजार में बड़े पैमाने पर आवक शुरू हो गई है। इस वजह से सब्जियों के दाम घट गए हैं। अब खेतों में खास काम नहीं बचा है। इसलिए खेतिहर मजदूर खाली हंै। इसलिये ये लोग रोजगार के लिए तेलंगाना जा रहे हैं।
एजेंट के माध्यम से जा रहे मजदूर
पड़ोसी तेलंगाना राज्य में खेतों से मिरची तुड़ाई के अलावा अनेक उद्योगों में मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए अनेक उद्योग मालिक चंद्रपुर जिले में अपने एजेंट भेजते हंै। ये लोग गांव-गांव घूमकर जरूरतमंद मजदूरों की तलाश करते हैं। इसके बाद निर्धारित समय पर इन सभी को अपने किराये पर तेलंगाना राज्य के निर्धारित स्थान पर ले जाकर छोड़ देते हंै। इसके एवज में एजेंट को प्रति मजदूर के हिसाब से निर्धारित राशि दी जाती है।
ट्रेन सस्ता और सुलभ साधन
पैसेंजर ट्रेन का किराया कम और यह मार्ग सुलभ होता है। इसलिए रविवार की रात बड़ी संख्या में बल्लारशाह स्टेशन पर बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे थे। स्टेशन का प्रतीक्षालय भर जाने की वजह से ठंड में सैकड़ों की संख्या में मजदूर स्टेशन के बाहर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते दिखाई दिए।