यूरिया नहीं मिली तो फिर से धरने पर बैठे किसान पलारी का मामला, अधिकारियों के आश्वासन को नहीं माने
मध्यप्रदेश यूरिया नहीं मिली तो फिर से धरने पर बैठे किसान पलारी का मामला, अधिकारियों के आश्वासन को नहीं माने
डिजिटल डेस्क, सिवनी। केवलारी ब्लॉक के पलारी क्षेत्र में एक बार फिर से यूरिया की कमी को लेकर किसान आक्रोशित हो उठे। मंगलवार को पलारी में बड़ी संख्या में किसानों ने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। प्रदर्शन की जानकारी पर अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन किसानों ने अधिकारियों के आश्वासन पर भरोसा नहीं किया। उनका कहना था कि पहले भी आश्वासन दिया गया था लेकिन यूरिया की समस्या दूर नहीं हुई। ज्ञात हो कि 28 दिसंबर को किसानों ने प्रदर्शन किया था। तब अधिकारियों ने दूसरे दिन प्रदर्शन यह कहकर स्थगित कराया था कि यूरिया की पूर्ति तीन दिन के भीतर हो जाएगी। हालांकि किसानों ने चेतावनी दी थी कि यदि पूर्ति नहीं की गई तो आंदोलन फिर से किया जाएगा।
यूरिया पर्याप्त दिलाओ
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनरतले किसानों ने प्रदर्शन शुरु किया है। किसानों का कहना है कि यूरिया पर्याप्त मिलने के बाद ही वे धरना प्रदर्शन बंद करेंगे। महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रीतम ठाकुर ने बताया कि किसानों को यूरिया की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन उन्हे यूरिया नहीं मिल रही है। ऐसे में फसल बढ़ नहीं पाएगी और किसानों को काफी नुकसान होगा। अधिकांश किसान खेती पर ही निर्भर हैं।
यूरिया की सप्लाई कम
धनसिंह ठाकुर और शुभम दयाल पटेल ने बताया कि यदि यूरिया सोसायटी में आ भी गई तो वह एक या दो दिन में ही खत्म हो जाती है। एक हेक्टेयर के मान से पांच बोरी यूरिया दी जाती है जबकि आठ बोरी की आवश्यकता है। यह समस्या अभी की नहीं बल्कि हर साल की है। पिछले वर्ष भी यूरिया की कमी आई थी । किसानों ने मजबूरी में निजी दुकानों से महंगे दाम में यूरिया खरीदी दी। किसानों का आरोप है कि सोसायटी में आने वाली यूरिया का आधा हिस्सा निजी दुकानदारों को फर्जी परमिट बनाकर दे दिया जाता है।
गेहूं की फसल हो जाएगी बर्बाद
यूरिया की पूर्ति नहीं होने से किसानों में आक्रोश है। किसानों के अनुसार यदि फसल में यूरिया नहीं डाली गई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। केवलारी ब्लॉक में इस समय सबसे ज्यादा गेहूं बोया गया है। किसानों के अनुसार पानी डालने से फसल नहीं बढ़ पाएगी। इसके लिए यूरिया की जरूरत है। वर्तमान में जहां पर भी यूरिया आती है किसान सुबह से पहुंच जाता है। ज्ञात हो कि कृषि विभाग पर्याप्त यूरिया के दावे कर रहा है लेकिन किसानों के अनुसार उन्हें यूरिया नहीं मिल रही है।