कोराना के चलते बंद हैं मछली मार्केट , लाखों की मछली से भरी बोट किनारे पर लगी
कोराना के चलते बंद हैं मछली मार्केट , लाखों की मछली से भरी बोट किनारे पर लगी
डिजिटल डेस्क,मुंबई। महानगर के ये मछुआरे जब 15 दिनों पर बीच समुद्र अपनी-अपनी बड़ी बोट से मछली मार कर किनारे पहुंचे तो बाजार की परिस्थति पूरी तरह बदल चुकी थी। उन्हें नहीं पता था कि उनके एक पखवाड़े की मेहनत पर कोराना वायरस पानी फेर देगा। अब उनकी मछलियों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। क्योंकि कोरोना के चलते मछली बाजार बंद हैं और लोग इस जानलेवा विषाणु के डंक के चलते मांस-मछली खाने से भी परहेज कर रहे हैं।
मुंबई के भाऊचा धक्का, ससून डॉक व वेसावा, मढ़, वसई, अर्नाला, सतपाटी, दहाणु, रायगढ व सिंधदुर्ग में मछलियों से भरी कई नाव ग्राहकों का इंतजार कर रही हैं। राज्य में फिलहाल मछली मारने के लिए करीब 2500 नावों को मत्स्य विभाग ने परमिट दिया है। इनमें से कई बोट पंद्रह-बीस दिनों पहले मछली मारने बीच समुद्र में गए थे। अब ये बोट किनारे पर लौट रहे हैं। कुछ आ चुके हैं जबकि कुछ वापसी के रास्ते में हैं। पर अब उन्हें अपनी मछलियों के सही भाव नहीं मिल रहे हैं।
महाराष्ट्र राज्य मच्छीमार सहकारी संघ के अध्यक्ष रामदास संधे का कहना है कि सरकार ने अब मछलियों को गोदामों में रखने को कहा है कि लेकिन इ लोगों के पास अपने गोदाम नहीं हैं। मछली निर्यात के व्यवसाय में लगे लोगों के पास गोदाम है। इस लिए ये लोग इस परिस्थति का फायदा उठाते हुए बहुत कम किमतों में मछलियां खरीदना चाहते हैं। संधे ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी मछली मार्केट बंद हैं। मछली बिक्रेताओं को रास्ते पर भी मछली बेचने नहीं दिया जा रहा है। इससे मछुआरों की हालत खराब है।