महाराज से मोहभंग! करीबियों की शिकारपुर में एप्रोच
छिंदवाड़ा महाराज से मोहभंग! करीबियों की शिकारपुर में एप्रोच
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ५ से ९ अप्रैल तक अपने गढ़ यानी छिंदवाड़ा के प्रवास पर रहे, लेकिन उनकी नजर प्रदेश में ही टिकी रही। इसका अंदाजा प्रवास के दौरान कमलनाथ के निवास शिकारपुर में प्रदेश भर से आने वाले डेलीगेशन और नेताओं को देखकर लगाया जा सकता है। खासबात यह कि बाहर से आने वालों में ग्वालियर-चंबल अंचल के वे चेहरे भी बताए जा रहे हैं जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम किरदार निभाया था। देर शाम छिंदवाड़ा पहुंचे और रात में ही यहां से रवानगी ले ली। ऐसे चेहरों की छिंदवाड़ा में उपस्थिति से यह माना जा रहा है कि उनका महाराज और भाजपा से मोहभंग हो गया है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो कमलनाथ के यहां प्रवास के दौरान महाकोशल व प्रदेश के अन्य हिस्सों से कांग्रेस के लोग तो पहुंचे ही साथ ही भाजपा के असंतुष्टों ने भी शिकारपुर तक एप्रोच लगाई है। गौर करने वाली बात यह भी है कि कमलनाथ पांच दिन यहां रहे। जबकि सांसद नकुलनाथ ज्यादा सक्रिय रहे। इस दौरान नकुलनाथ एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पहुंचे और सभाएं की।
कमलनाथ मेल मुलाकात में ज्यादा व्यस्त रहे:
पिछले प्रवास के पांच दिनों में कमलनाथ मेल मुलाकात में ही ज्यादा व्यस्त रहे। स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं से मीटिंग के अलावा सामाजिक, स्वयंसेवी संगठनों से उन्होंने मुलाकात कर चर्चाएं की। जिले के अलावा बाहर से आने वालों के लिए भी उन्होंने अलग से मेल मुलाकात की। ऐसे में कहा जा रहा है कि कमलनाथ का प्रवास जरूर यहां रहा लेकिन नजर प्रदेश पर ही रही।