सूरजागढ़ के लौह उत्खनन के खिलाफ आक्रामक हुए नागरिक

तहसीलदार के जरिए प्रधानमंत्री को भिजवाया ज्ञापन  सूरजागढ़ के लौह उत्खनन के खिलाफ आक्रामक हुए नागरिक

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-10 09:46 GMT
सूरजागढ़ के लौह उत्खनन के खिलाफ आक्रामक हुए नागरिक

डिजिटल डेस्क,   एटापल्ली (गड़चिरोली) । तहसील की सूरजागढ़ पहाड़ी पर पिछले कुछ दिनों से कच्चे लोहे का बड़े पैमाने पर उत्खनन किया रहा है। कच्चे माल की ढुलाई ट्रकों की मदद से अन्य जगहों पर हो रहीं है। इस परिवहन के कारण ग्रामीणों समेत किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लौह के इस उत्खनन के खिलाफ सोमवार को तहसील अन्याय विरोधी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए तहसील कार्यालय पर दस्तक दी। इस समय तहसीलदार के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भिजवाया गया। आगामी एक माह की कालावधि में मांगों का निवारण न होने पर बेमियादी चक्काजाम आंदोलन के साथ विभिन्न प्रकार के आंदोलन करने की चेतावनी इस समय दी गयी। 

समिति के पदाधिकारियों ने अपने ज्ञापन में बताया कि, सुरजागढ़ पहाड़ी से आए दिन सैकड़ों की संख्या में ट्रकों की आवाजाही शुरू है। यह ट्रक सुरजागढ़ से एटापल्ली-आलापल्ली होते हुए आष्टी से चंद्रपुर जिले की ओर रवाना हो रहे हंै। साथ ही कुछ ट्रक गड़चिरोली होते हुए छत्तीसगढ़ भी भेजे जा रहें है। लोहे के परिवहन के कारण एटापल्ली-आलापल्ली, आलापल्ली -आष्टी महामार्ग पूरी तरह जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। धूल के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत  असर हो रहा है।  साथ ही इसी धूल के चलते किसानों की फसलें भी तबाह होने लगी है।

 कच्चे लोहे की यातायात के लिए तत्काल रेल मार्ग मंजूर करना, सड़क से हो रहें परिवहन को तत्काल बंद करना, कंपनी अथवा सरकार द्वारा एटापल्ली तहसील मुख्यालय में युद्धस्तर पर मल्टिस्पेशालिटी अस्पताल शुरू करना, तहसील के आलदंडी नदी और अन्य नालों पर तत्काल पुल का निर्माणकार्य करना, उत्खनन से प्राप्त निधि में से 80 प्रतिशत निधि एटापल्ली तहसील के विकास पर खर्च करना, सुरजागढ़ की प्रस्तावित कोनसरी की परियोजना में स्थानीय सुशिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता से नौकरी देना, धान काे प्रति क्विंटल 3 हजार 500 रूपये दर घोषित करना, क्षेत्र का िवकास करने के लिए अहेरी को तहसील का दर्जा देकर पृथक विदर्भ राज्य का निर्माण करना आदि समेत अन्य मांगों की पूर्तता करने की मांग इस समय की गयी। मांगों का निवारण न होने पर तहसील में तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गयी। इस समय तहसील अन्याय विरोधी संघर्ष समिति के मधुकर पुल्लुरवार, सुरेश बारसागडे, संदीप सेलवटकर, प्रमोद देवतले, बंटी मोहुर्ले, दिलीप पुपरेड्डीवार, महेश पुल्लुरवार, बशीर शेख आदि समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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