अनुभवहीन ठेकेदारों को दिए गए ठेके से सिडकों में खराब योजना से  नुकसान

अनुभवहीन ठेकेदारों को दिए गए ठेके से सिडकों में खराब योजना से  नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-04 14:03 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सिडको के 2000 करोड़ रुपए के मूलभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में खराब योजना बनाने और वित्तीय अनियमितता को लेकर सवाल उठाए हैं। बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा और वित्त राज्यमंत्रीशंभुराजे देसाई ने विधान परिषद में कैग की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक सिडको ने मूलभूत ढांचों से जुड़ी जो परियोजनाएं शुरू की उनके लिए व्यवस्थित और व्यापक योजना नहीं तैयार की। परियोजनाओं के लिए लंबी, मध्यम और अल्प अवधि की योजना नहीं बनाई गई और परियोजनाओं को अलग-अलग मंजूरी दी गई। 

कैग ने अपनी छानबीन में पाया कि नेरुल उरण रेलवे परियोजना और नई मुंबई मेट्रो रेल परियोजना की कार्यान्वयन के लिए पूरी योजना नहीं बनाई गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नई मुंबई मेट्रो रेल परियोजनाओं की निविदा के विज्ञापन किसी अंतर्राष्ट्रीय पब्लिकेशन में नहीं दिए गए। 50 करोड़ रुपए खर्च कर 16 टेंडर निकाले गए लेकिन राष्ट्रीय स्तर के बड़े अखबारों में यह प्रकाशित नहीं की गई यह तय नियमों का उल्लंघन है। जिन छह ठेकेदारों को 890.42 करोड़ रुपए के काम दिए गए, उनके पास इस तरह के काम के लिए जरुरी अनुभव नहीं था। इसके अलावा 10 ठेकेदारों को 429.89 करोड़ रुपए के ठेके दिए गए और फिर 69.38 करोड़ रुपए के अतिरिक्त काम बिना टेंडर के दे दिए गए। इसके अलावा नई मुंबई मेट्रो रेल से जुड़े 1328 करोड़ रुपए के एक ठेके में अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर अग्रिम 25.33 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसके अलावा नई मुंबई हवाई अड्डे के लिए पहाड़ी काटने के लिए 2033.72 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया और फिर पहाडी से निकले पत्थरों के जरिए वहां भराई का काम किया गया लेकिन इसके लिए अलग से 22.08 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। सिडको के 4759.94 करोड़ रुपए के 22 ठेकों में काम में देरी के चलते 185.97 करोड़ रुपए की जुर्माना वसूल करना चाहिए था लेकिन सिडको ने ऐसा नहीं किया। 

अनियमितता के आरोपों से फडणवीस का इनकार
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में लगाए गए अनियमितताओंके आरोपों को खारिज कर दिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि संबद्ध कार्यों केटेंडर पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार के कार्यकाल में साल2014 तक जारी की गई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह सीएजी की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी कर पाएंगे। 

Tags:    

Similar News