35 हजार क्विंटल धान गायब! समितियों व समूहों को नोटिस धान खरीदी में आई मनमानी, समूहों के यहां से धान की आई कमी
मध्य प्रदेश 35 हजार क्विंटल धान गायब! समितियों व समूहों को नोटिस धान खरीदी में आई मनमानी, समूहों के यहां से धान की आई कमी
डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले में धान खरीदी में स्वसहायता समूहों और समितियों ने जमकर चपत लगाई है। खरीदी के बाद भंडारित धान में अब तक करीब 35 हजार क्विंटल का अंतर पाया गया है। अंतर की राशि सात करोड़ रुपए है। हालात यह है कि धान को जमा कराने या फिर उसके बदले पैसा लेने के लिए अफसरों के भी पसीने छूट गए हैं। हालांकि इसमें अभी भी मिलान की कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में केवल समूहों और समितियों को नोटिस जारी कर खरीदी और भंडारित धान में आए अंतर की मात्रा की राशि जमा करने को कहा गया है। अभी भी कोई भी समूह पैसा जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे बल्कि वे दूसरों पर लापरवाही का ठींकरा फोड़ रहे हैं।
धान खरीदी की स्थिति
जिला सहकारी बैंक के आंकड़ों के अनुसार 62602 किसानों ने पंजीयन कराया था। 109 केंद्रों में 43 लाख क्विंटल की धान खरीदी की गई। सभी केंद्रों से धान का परिवहन और भंडारण भी हो चुका है। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक विख्यात ङ्क्षहडोलिया ने बताया कि 35 हजार क्विंटल धान की घटी आइ है। समर्थन मूल्य के मान से घटी हुई धान की कीमत 7.14 करोड़ रुपए है।
समूहों ने की मनमानी
इस बार स्व सहाययता समूहों का धान खरीदी नहीं दिए जाने की प्लानिंग थी लेकिन जुगत लगाकर समूहों ने धान खरीदी केंद्र हासिल कर लिए। समूहों ने मनमानी खरीदी कर ली और जब धान का भंडारण हुआ तो उसमें कमी मिली। इसके पीछे समूह यह तर्क देते आए हैं कि पहले नमी अधिक थी लेकिन धान के भंडारित होने तक नमी कम होने से वजन में कमी आ गई। समूहों पर ही अधिक धान की कमी आई है।
इनका कहना है
प्रबंधकों और समूहों को नोटिस दिए गए हैं। घटी हुई धान की राशि जमा करने को कहा गया है। कुछ कुछ स्थानों से पैसा जमा भी कराया जा रहा है।
डॉ अखिलेश निगम, सहकारिता उपायुक्त