हादसों के 33 रेड स्पॉट, सुधार की दरकार, पिछले साल गई थी 345 लोगों की जान, दो रह गए हैं अब ब्लैक स्पॉट

सिवनी हादसों के 33 रेड स्पॉट, सुधार की दरकार, पिछले साल गई थी 345 लोगों की जान, दो रह गए हैं अब ब्लैक स्पॉट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-21 13:38 GMT
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भास्कर न्यूज सिवनी। जिले में हर साल सड़क हादसों में तीन सैकड़ा से अधिक लोगों की जान जाती है। यह आंकड़ा साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2021 में 881 सड़क हादसों में 302 लोगों की जान गई थी, वहीं 721 घायल हुए थे। बीते साल 2022 में जिले में 1108 हादसे हुए और 345 लोगों ने अपनी जान गंवायी, वहीं 1514 लोग घायल हुए। 

इन हादसों के पीछे वाहन चालकों के द्वारा नियमों का पालन नहीं करना, हेलमेट, सीट बैल्ट आदि का प्रयोग न करना प्रमुख कारण हैं, वहीं कई स्थान ऐसे हैं जहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। 

इन स्थानों में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। हालांकि यह सड़क से जुड़े प्रशासनिक अमले के लिए खुशी की बात हो सकती है कि जिले में अब मात्र दो ब्लैक स्पॉट ही हैं। पूर्व में इनकी संख्या अधिक थी। लेकिन 33 ऐसे स्पॉट हैं जहां पर हादसों की संख्या काफी है। इन स्पॉट्स को प्रशासन ने रेड स्पॉट के रूप में चिन्हित किया है। इन स्थानों में सुधार के लिए प्रशासन के प्रयास लगातार जारी हैं।

क्या होते हैं ब्लैक स्पॉट
जिले में नगझर बायपास और फुलारा टोल टैक्स के पास ब्लैक स्पॉट हैं। जिस जगह पर कई सड़क हादसे होते हैं, उस जगह को ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है। किसी एक स्पॉट पर तीन साल में पांच रोड एक्सीडेंट्स हो जाएं या किसी स्पॉट पर तीन साल में 10 मौतें हो जाएं तो उसे ब्लैक स्पॉट( 500 मीटर के दायरे में) माना जाता है। नगझर बायपास व फुलारा टोल टैक्स के पास स्थित ब्लैक स्पॉट का मुआयना एक्सपर्ट की टीम करेगी और बताएगी कि यातायात को सुरक्षित करने वहां पर क्या उपाय किए जाएं।

हर ओर हैं ऐसे स्पॉट
सिवनी-मंडला रोड में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर अक्सर हादसों की आशंका बनी रहती है। इन स्थानों में भोमा में पेट्रोल पंप के पास सड़क लगभग आधा फुट धंसी सी हुई है। दूर से आने वाले वाहन चालकों को गड्ढा नजर नहीं आता और हादसे की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसी प्रकार पलारी तिगड्डे में तिराहे पर लगे हाथ ठेलों, खड़े वाहनों, पान-गुटखे की गुमटियों के कारण हादसे की संभावना बनी रहती है। इसी प्रकार केवलारी से पहले दो-तीन स्थानों पर पिछले लंबे समय से सड़क में गहरे गड्ढे हो गए हैं। जिन्हें अनेक बार मुरम, गिट्टी आदि डालकर भर दिया जाता है, लेकिन कुछ ही दिनों में ये फिर से उभर आते हैं।

यहां ढलान में होते हैं हादसे
एनएच 44 पर छपारा-गनेशगंज के बीच अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसकी प्रमुख वजह जहां लोगों को सड़क के नियमों की जानकारी न होना है, वहीं कई तकनीकी खामियों के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं। अक्सर घोघरी से बंजारी के बीच हादसे होते हैं। बंजारी मंदिर के पीछे पुलिया के पास लंबा ढलान है, जिससे वाहन तेज गति के कारण जंप लेकर  पलट जाते हैं। इसी प्रकार अंधे मोड़ आदि हैं। कई स्थानों पर सड़क सीधी बनाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। घुनई घोघरी के पास ढलान पर ब्रेकर बनाए गए हैं, जबकि इन स्थानों पर स्थित मोड़ों को सीधा किया जाना चाहिए था।

स्पीड ब्रेकर जरूरी
सड़क हादसों में कमी के लिए जहां जागरूकता कार्यक्रम जरूरी हैं, वहीं सड़कों की दशा पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। खराब सड़कों का नियमित रखरखाव किया जाना चाहिए। बारिश के बाद सड़क किनारों की घास-फूस, खरपतवार की सफाई नितांत आवश्यक है। इसी प्रकार ग्रामीण इलाकों से मुख्य सड़क में आने वाले वाहनों के लिए स्पीड ब्रेकर की भी जरूरत है।

इनका कहना है
हमने ऐसे 33 स्थानों को चिन्हित किया है जहां पर लगातार हादसे हो रहे हैं। इन स्थानों में आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं ताकि किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके।  इसके अलावा लोगों में सड़क नियमों को लेकर जागरूकता के प्रयास किए जा रहे हैं।
- राजन उइके, यातायात प्रभारी सिवनी

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