अवकाश की मांग: प्रदेश के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने सहित अन्य कर्मचारियों के बराबर अवकाश की मांग

  • मध्य प्रदेश के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने की मांग
  • भीषण गर्मी में 10-20 किलोमीटर दूर परीक्षा देने जाएंगे पांचवी आठवीं के नौनिहाल
  • चुनाव के कारण शिक्षकों को नहीं मिला ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ
  • शिक्षकों को अन्य सरकारी कर्मचारियों से 35-40 दिन कम मिलती छुट्टी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-28 08:45 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। तापमान 40 डिग्री के पार हो चुका है और कुछ शहरों में 45 डिग्री क्रॉस कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं लोगों से घरों में रहने की अपील की है। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने की मांग की जा रही है। कैलेंडर के अनुसार स्कूल 1 जून को खोले जाने हैं जबकि मध्य प्रदेश में 15 जून को मानसून के प्रवेश करने की संभावना है। माना जा रहा है कि तब तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।

गौरतलब है कि राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश पर प्रदेश में कक्षा पांचवीं आठवीं की पूरक/पुनः परीक्षा 3 से 8 जून तक आयोजित होने वाली है, जिसके परीक्षा केंद्र 10 से 20 किलोमीटर दूर तक बनाए गए हैं। इससे प्रदेश के नौनिहालों की सेहत से असर पड़ सकता है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डीके सिंगौर ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश एवं आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को पत्र लिखकर कक्षा पांचवीं और आठवीं की पूरक/पुनः परीक्षा के टाइम टेबल पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

अन्य कर्मचारियों के बराबर अवकाश एवं अर्जित अवकाश की मांग

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल को पत्र लिखकर अवकाश के मामले में शिक्षकों के साथ किए जा रहे भेदभाव से अवगत कराते हुए शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों के 52-54 शनिवार के अवकाश के बराबर वर्ष में 52-54 दिन के अवकाश और 30 दिन के अर्जित अवकाश की मांग की गई है। साथ ही नियमों को शिथिल करते हुए अधिकारियों के लिखित या मौखिक निर्देश पर ग्रीष्मकालीन अवकाश पर वास्तव में काम करने वाले शिक्षकों को अतिरिक्त अर्जित अवकाश प्रदान किया जाए। अर्जित अवकाश के वर्तमान नियम के चलते शिक्षकों को रिटायरमेंट के समय अवकाश नगदी कारण में औसतन 7 से 9 लाख रूपए का सीधा नुकसान हो रहा है।

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