मध्य प्रदेश: आज से अनहोनी गर्म जलधारा कुंड में लगेगी आस्था की डुबकी, 7 दिवसीय मेले में मप्र- महाराष्ट्र से आएंगे एक लाख श्रद्धालु पहुंचने की संभावना
- आज से अनहोनी गर्म जलधारा कुंड में लगेगी आस्था की डुबकी
- 7 दिवसीय मेले में मप्र- महाराष्ट्र से आएंगे श्रद्धालु
- एक लाख श्रद्धालु पहुंचने की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूस माह की कडक़ड़ाती ठंड में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर हजारों लोग लम्बा सफर तय कर गर्म जलधारा कुंड में आस्था की डुबकियां लगाएंगे। इस दौरान कोहरे से ढंके रास्ते और घने जंगल का खतरनाक सफर करते हुए बड़ी संख्या मेें जन समुदाय अनहोनी की ओर रूख करेगा। यह सिलसिला एक सप्ताह तक लगातार चलेगा। मान्यता है कि यहां स्नान कर समीप स्थित मंदिर में ज्वाला देवी और महावीर हनुमान की पूजन आराधना करने पर चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। गुढ़- तिली, गुढ़- मूंगफल्ली, गुढ़- लाही और गुढ़ की मिठाईयां देवी को अर्पित कर भक्तजन यही प्रसाद ग्रहण करेंगे। मेला समिति का मानना है कि इस बार यहां लगभग एक लाख श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है। जिसके अनुरूप यहां व्यवस्था बनी है।
सतपुड़ा की हसीन वादी में छिंदवाड़ा जिले के ब्लाक तामिया का सीमावर्ती गांव अनहोनी में मकर संक्राति पर 11 से 18 जनवरी तक चलने वाला सात दिवसीय मेला आयोजित होगा। इस दौरान गर्म जलधारा कुंड में डुबकियां लगाकर ज्वाला देवी मंदिर में पूजन अर्चना करेंगे। मेला में मप्र के छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बैतूल, सिवनी, सीहोर, जबलपुर जिले और महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले नागपुर सहित अन्य जिले से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यू तो यहां साल भर श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, किन्तु संक्रांति के विशेष अवसर पर यहां आने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
अनहोनी मेला समिति से जुड़े जितेन्द्र शाह उइके कहते हैं कि मंदिर के सामने मुख्य गर्म जलधारा कुंड है, जिससे निकलने वाला पानी समीप के दो अन्य कुंडों में पहुंचता है, जहां महिलाओं- पुरूषों के स्नान हेतु पृथक- पृथक व्यवस्था है। कुंड का पानी निकलकर समीप से बहने वाले बरसाती नदी में पहुंचता है। कुंड के समीप उक्त नदी के दोनों ओर घाट निर्माण हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं की अधिक संख्या होने पर किसी तरह की समस्या ना रहे। पर्यटन विकास निगम द्वारा यहां मोटल निर्माण कार्य जारी है, जिसमें रूकने ऑन लाइन बुकिंग कर सकते हैं। मंदिर के आसपास और मेला स्थल पर सुविधा व्यवस्थाओं का विस्तार हो रहा है। पीने के पानी और प्रसाधन की व्यवस्था है।
मान्यता है कि
वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक घटनाएं मानते हैं, वहीं श्रद्धालुओं के लिए यह दैविक कारण और आस्था का केन्द्र है, तो पर्यटकों को यह आकर्षित करने वाला स्थल भी है। वेस्टर्न कोल फील्डस लिमिटेड मुख्यालय नागपुर के सेवानिवृत्त चीफ ऑफ सर्वे रामनारायण सेन कहते हैं कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण है कि जमीन की गहराई में प्रचूर मात्रा में गंधक होने से पानी में उबाल आता है। ऐसी घटनाएं कई जगह दिखाई देती है। मंदिर पुजारी तुरियानंद महाराज कहते हैं कि भक्तों का कष्ट दूर करने वाली देवी मां की कृपा से कुंड से गर्म पानी निकलता है। देवी कृपा के चलते इस गर्म जलधारा कुंड में स्नान करने से चर्मरोग से निजात मिलती है।
ऐसे पहुंच सकते हैं
अनहोनी की दूरी नागपुर से 234 किमी, जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा से 107 किमी, रेलवे स्टेशन परासिया और जुन्नारदेव से दूरी 79 किमी, ब्लाक मुख्यालय तामिया से दूरी 55 किमी, पंचायत झिरपा से 11 और पंचायत माहुलझिर से दूरी 4 किमी है। वहीं समीर्पस्थ जिला नर्मदापुरम के रेलवे स्टेशन पिपरिया और हिल स्टेशन पचमढ़ी से इसकी दूरी 48 किमी है। इस धार्मिक- पर्यटन स्थल पर सडक़ मार्ग से पहुंचते हैं।