कैंसर: देश में रोजाना हो रही 2,215 की मौत , कैंसर से मौत मामले में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर
- सबसे अधिक खतरनाक होता है फेफड़े का कैंसर
- उचित खानपान और सावधानी से संभव है बचाव
- कैंसर से मौत की संख्या लगातार बढ़ रही
अजीत कुमार, नई दिल्ली । जिस रफ्तार के साथ दुनिया तरक्की की सीढ़ियां चढ़ती जा रही है, उससे कहीं अधिक तेज गति से कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस मामले में भारत के हालात ज्यादा चिंताजनक हैं। भारत में इस डरावनी बीमारी से हर रोज 2,215 लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। वर्ष 2022 में 8 लाख से अधिक लोग कैंसर की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट बताती है कि कैंसर से संबंधित मौतों का प्राथमिक कारण रोग का व्यापक रूप से अपरूपांतरण है। कैंसर से होने वाली मौतों में लगातार इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनपीसीआर) की रिपोर्ट बताती है कि देश में कैंसर से वर्ष 2020 में 7,70,230 लोगों की मौत हुई थी तो वर्ष 2021 में मौत का आंकड़ा बढ़कर 7,89,202 हो गया। 2022 में कैंसर से देश में कुल 8,08,558 लोगों की मौत हुई।
2022 में 14 लाख 61 हजार मामले
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2020 में भारत में कैंसर के कुल अनुमानित मामलों की संख्या 13,92,179 (स्त्री और पुरूष दोनों) थी। वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर 14,26,447 हुई तो 2022 में कैंसर मामलों की संख्या बढ़कर 14,61,427 पहुंच गई है।
सबसे अधिक मामले उप्र में
2022 में अकेले उत्तरप्रदेश में 1,16,818 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई है। कैंसर से मौत के मामले में महाराष्ट्र दूसरे पायदान पर है। इसी वर्ष महाराष्ट्र में 66,879 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है। 62,652 मौतों के साथ पश्चिम बंगाल इस सूची में तीसरे पायदान पर है तो बिहार 60,629 मौत के साथ चौथे क्रमांक पर है। 2022 में मध्यप्रदेश में 45,176 लोगों की मौत कैंसर के चलते हुई है।
महाराष्ट्र को सताता रहा कैंसर
महाराष्ट्र में भी कैंसर के मामले लगातार बढ़े हैं। वर्ष 2018 में सूबे में कैंसर से 60,814 मौतें हुई थी। बाद के वर्षों में यह संख्या बढ़ते हुए 2019 में 62,291, वर्ष 2020 में 63,797, वर्ष 2021 में 65,326 और वर्ष 2022 में बढ़कर 66,879 तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में 6,342 लोगों की मौत फेफड़े के कैंसर से हुई है। इनमें 4,089 पुरूष और 2,253 महिलाएं शामिल हैं।
फेफड़ा कैंसर से गई 85 हजार की जान
एनपीसीआर की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022 में सिर्फ फेफड़े के कैंसर से देश में 85 हजार से अधिक जानें गई हैं। फेफड़े के कैंसर से उत्तरप्रदेश में सबसे अधिक 12,507 लोगों की मौत हुई तो पश्चिम बंगाल में 6,790 लोग फेफड़ा कैंसर के शिकार हुए हैं।
भारत में पांच वर्ष के दौरान कैंसर से मौत के आंकड़े
वर्ष 2018 – 7,33,139
वर्ष 2019 – 7,51,517
वर्ष 2020 – 7,70,230
वर्ष 2021 - 7,89,202
वर्ष 2022 – 8,08,558
(स्त्रोत : राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम)
संभव है कैंसर से बचाव
बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, धूम्रपान का सेवन, शराब की लत और खराब खानपान कैंसर होने के मुख्य कारण माने जाते हैं। कुछ मामलों में यह आनुवंशिक भी हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि कैंसर का पता शुरूआती चरण में हो जाए तो ज्यादातर मामले में बचाव संभव है।