सिवनी: रिश्वतखोर पटवारी को 4 साल का कारावास
- गलत नाम में संशोधन कराने की एवज में ली रिश्वत
- लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी रंगे हाथ पकड़ा था
- 1 फरवरी 2017 का मामला
डिजिटल डेस्क, सिवनी। सिवनी के बही में दर्ज हुए गलत नाम में संशोधन कराने की एवज में 8 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले केवलारी के तत्कालीन पटवारी दीपक गेडाम को न्यायालय ने 4 साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद ने चार साल के कारावास के साथ ही 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार भौंरे ने बताया कि केवलारी तहसील के ग्राम खैररांजी निवासी रामदयाल पंचेश्वर पिता अन्नीलाल(25) ने 31 जनवरी 2017 को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर जाकर शिकायत की थी कि हम चार भाईयों में जमीन का बंटवारा हो गया है। बही में मझले भाई रामूलाल के नाम की जगह रामलाल और मेरे नाम की जगह दल्लू लिख गया है। बही में जमीनी रिकार्ड में नाम संशोधन करवाने के लिए वह पटवारी दीपक गेडाम पिता स्व. रूपचंद गेडाम (52), पटवारी हल्का नंबर 36, केवलारी के पास गया तो पटवारी इस कार्य के एवज में रिश्वत मांग रहा है। मैं पटवारी को रिश्वत देना नहीं चाहता एवं उन्हें रिश्वत लेते पकड़वाना चाहता हूं। शिकायत के अगले रोज 1 फरवरी 2017 को लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पटवारी दीपक को प्रार्थी से 8 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 23/2017, धारा 7, 13(1)(डी)/13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चालान विशेष न्यायालय सिवनी में प्रस्तुत किया गया था।
शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/उप-संचालक अभियोजन रमेश उइके एवं वरिष्ठ एडीपीओ अनिल माहोरे ने न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत किए। अभियोजन के द्वारा प्रस्तु्त साक्ष्य से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी पटवारी को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 13(1)(डी)/13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।