मध्यप्रदेश: पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास भुगत रहे बंदी की मौत, जेल में तबीयत बिगड़ने पर भेजा गया अस्पताल, मगर नहीं बची जान

  • पॉक्सो एक्ट के अपराध में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की मौत
  • कोलगवां थाने में मर्ग कायम किया गया
  • तबीयत बिगड़ने पर भेजा गया अस्पताल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-05 18:36 GMT

डिजिटल डेस्क, सतना। पॉक्सो एक्ट के अपराध में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल ले जाते समय मौत हो गई, जिस पर कोलगवां थाने में मर्ग कायम किया गया है। जेल प्रशासन की तरफ से कल्याण अधिकारी अनिरुद्ध तिवारी ने बताया कि शंखू कोल पुत्र दिनेश कोल 31 वर्ष, निवासी बाल्हा, थाना सभापुर, को लगभग डेढ़ साल पहले दो वर्ष की मासूम से दुष्कर्म पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, उक्त प्रकरण में ही युवक को 1 जून 2024 को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया, तभी से वह जेल में था।

गुरुवार सुबह पेट में दर्द की शिकायत पर बंदी को केन्द्रीय कारागार के अंदर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, मगर प्राथमिक उपचार से लाभ नहीं हुआ तो पौने 9 बजे जिला चिकित्सालय भेज दिया गया, जहां डॉक्टर ने जांच के पश्चात उसे मृत घोषित कर दिया। तब मर्ग कायम करते हुए शव को मरचुरी में रखवा दिया गया है। शंखू कोल को अंतिम सांस तक जेल में ही रहने की सजा सुनाई गई थी। उधर मृतक के परिजनों ने पूर्व में किसी तरह की बीमारी नहीं होने और देर से सूचना दिए जाने की बात कही है।

आज होगा पोस्टमार्टम

सजायाफ्ता बंदी शंखू कोल के शव का पोस्टमार्टम गुरुवार को नहीं हो पाया, अब शुक्रवार सुबह 9 बजे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रेणू यादव की मौजूदगी में मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ शव परीक्षण करेंगे। इससे पूर्व गुरुवार देर शाम को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. महेन्द्र सिंह के साथ मरचुरी जाकर मृतक के शव का मुआयना किया।

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