सिवनी: अरी वन परिक्षेत्र में छोड़े गए पेंच के 60 चीतल, रूखड़ में भी छोड़े जाएंगे दो सैकड़ा चीतल

  • घास मैदानों की गुणवत्ता पर असर
  • जिले में ही दो वन परिक्षेत्र में 300 चीतल छोडऩे की प्रक्रिया
  • बाघों को जंगल के भीतर ही भोजन की उपलब्धता प्राप्त होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 03:33 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। कूनो राष्ट्रीय उद्यान सहित अन्य नेशनल टाइगर रिजर्व में 4 हजार से ज्यादा चीतल पेंच टाइगर रिजर्व दशक में भेजे जा चुके हैं। प्रदेश शासन की मंजूरी के पश्चात अब जिले में ही दो वन परिक्षेत्र में 300 चीतल छोडऩे की प्रक्रिया पार्क प्रबंधन द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।

पार्क प्रबंधन द्वारा 200 चीतल रूखड़ परिक्षेत्र एवं 100 चीतल अरी परिक्षेत्र में छोड़े जाएंगे। पेंच पार्क के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि 7 जुलाई को गुमतरा परिक्षेत्र के अधिक चीतल घनत्व वाले क्षेत्र से 60 चीतलों को दो अलग-अलग चीतल परिवहन ट्रकों के द्वारा अरी परिक्षेत्र में ले जाकर मुक्त किया गया। यह कदम गांवों से लगे वन क्षेत्र व राजस्व क्षेत्र में मवेशियों पर बाघों का हमला रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे बाघों को जंगल के भीतर ही भोजन की उपलब्धता प्राप्त होगी और उनके जंगल से बाहर आने व ग्रामीणों पर हमले की घटनाओं में भी कमी आने की संभावना जाहिर की जा रही है। जानकारी के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व के अधिक चीतल घनत्व वाले क्षेत्र से 40 चीतल और पकडक़र उन्हें अरी परिक्षेत्र में छोड़ा जाएगा। वहीं दो सौ चीतल रूखड़ परिक्षेत्र में छोड़े जाएंगे। ये दोनों परिक्षेत्र कम चीतल घनत्व वाले हैं और इसी कारण पहले इन परिक्षेत्र में चीतल छोडऩे का निर्णय लिया गया है।

घास मैदानों की गुणवत्ता पर असर

पेंच टाइगर रिजर्व चीतलों के घनत्व की दृष्टि से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि भारत के अग्रणी टाइगर रिजर्व में से एक है। डिप्टी डायरेक्टर  सिंह के अनुसार चीतलों की अधिक संख्या गौरव का विषय है और बाघों की बड़ी संख्या के प्रबंधन में अत्यंत मददगार है। मगर, दूसरी ओर चीतलों के अत्यधिक घनत्व का कुप्रभाव घास मैदानों की गुणवत्ता पर भी पड़ता है। इसी दृष्टि से मध्यप्रदेश वन विभाग पेंच टाइगर रिजर्व व प्रदेश के अन्य अधिक चीतल घनत्व वाले क्षेत्र से चीतलों को ऐसे वन क्षेत्र में हस्तांतरित करता है, जहां उनकी संख्या अत्यधिक कम है।

विभिन्न प्रबंधकीय कारणों से विगत एक दशक में प्रदेश के एक वन क्षेत्र से दूसरे वन क्षेत्र में 8 हजार से कुछ अधिक संख्या में चीतल हस्तांतरित किए जा चुके हैं। इनमें चार हजार से अधिक संख्या में चीतल सिर्फ पेंच टाइगर रिजर्व से अन्य क्षेत्र यथा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कूनो राष्ट्रीय उद्यान और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही अभ्यारण्य) सहित अन्य जगह भेजे जा चुके हैं।

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