गावस्कर के बयान पर कोहली के पक्ष में उतरे मांजरेकर

गावस्कर के बयान पर कोहली के पक्ष में उतरे मांजरेकर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-29 10:00 GMT
गावस्कर के बयान पर कोहली के पक्ष में उतरे मांजरेकर
हाईलाइट
  • गावस्कर ने कहा- चयन समिति कठपुतली
  • कोहली को क्यों मिलता है टीम चयन का हक
  • गावस्कर ने वर्ल्ड कप में हार के बाद कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने पर उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद भी विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसला पर सवाल खड़े किए हैं। गावस्कर मानना है कि, कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने से पहले आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी। वहीं पूर्व क्रिकेटर और कॉमेंटेटर संजय मांजरेकर ने कोहली का बचाव किया है। उन्होंने गावसकर के बयान से असहमति जताई है।

मांजरेकर ने ट्वीट कर कहा, मैं बहुत सम्मान के साथ चयनकर्तओं और विराट कोहली को कप्तान बनाए रखने की गावसकर सर की राय से असहमति जताता हूं। भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में बुरा प्रदर्शन नहीं किया है। टीम ने 7  मैच जीते और केवल 2 में उसे हार मिली है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल तो काफी करीब था। चयनकर्ता के रूप में पद से ज्‍यादा जरूरी गुण ईमानदारी है।

गावस्कर ने कहा था , अगर चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के लिए कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं। उन्होंने कहा, हमारी जानकारी के मुताबिक कोहली की नियुक्ति वर्ल्ड कप तक के लिए ही थी। इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी। यह अलग बात है कि, यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था।

एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय चयन समिति ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कोहली को तीनो फॉरमेट का कप्तान नियुक्त किया है। इस सीरीज की शुरुआत फ्लोरिडा में होने वाले टी-20 मुकाबलों से होगी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (COA) ने साफ कर दिया कि वह विश्व कप में टीम के प्रदर्शन पर रिव्यू बैठक नहीं नहीं बुलाएगी, लेकिन वह इस वर्ल्ड कप में टीम के प्रदर्शन को लेकर टीम मैनेजर की रिपोर्ट पर विचार करेगी।

गावस्कर ने कहा था, आखिरकार कोहली क्यों अपने मनमाफिक टीम चुनने का हक पाते रहे हैं। उन्होंने कहा, चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं। पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को मीटिंग में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया। प्रक्रिया को बाईपास करने से यह संदेश गया कि केदार जाधव, दिनेश कार्तिक को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया जबकि वर्ल्ड कप के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी।

BCCI के एक तबके का यह मानना था कि 2023 वर्ल्ड कप के ध्यान में रखते हुए तीनों फॉरमेट के लिए अलग-अलग कप्तान बनाया जाना एक अच्छा कदम हो सकता था और इससे आने वाले समय में टीम को फायदा होता।

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