चेन्नई VS हैदराबाद: सनराइजर्स को हराकर प्ले ऑफ में पहुंचना चाहेगी धोनी की सुपर किंग्स
चेन्नई VS हैदराबाद: सनराइजर्स को हराकर प्ले ऑफ में पहुंचना चाहेगी धोनी की सुपर किंग्स
- चेन्नई 8 में से 7 मैच जीतकर 14 अंको के साथ अंक शीर्ष स्थान पर है
- चेन्नई की नजर प्लेऑफ में पहुंचने पर है
- हैदराबाद- चेन्नई का मुकाबला आज
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। इंडियन प्रीमियर लीग का 33 वां मुकाबला विजयरथ पर सवार महेन्द्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच होगा। हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम में मैच रात 8 बजे से होगा। चेन्नई की टीम इस मैच में जीत दर्ज कर प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की करना चाहेगी। इस सीजन में चेन्नई 8 में से 7 मैच जीतकर 14 अंको के साथ अंक टॉप पर है। यदि वह हैदराबाद को हरा देती है तो उसके 16 अंक हो जाएंगे और प्लेऑफ में उसका पहुंचना तय हो जाएगा।
जहां चेन्नई लगातार मैच जीत रही है। वहीं दिल्ली कैपिटल्स (DC) के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को इस सीजन की लगातार तीसरी हार मिली है। हैदराबाद की लगातार हार के पीछे एक गलती सामने उभर कर आई है। हैदराबाद अगर यह गलती दोहराती है तो आइपीएल (IPL) में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। टीम का मिडिल ऑर्डर लगातार फ्लॉप हो रहा है। पिछले कुछ मैचों में दिल्ली भी ऐसी ही समस्या से गुजर रही थी, लेकिन उसने काफी सुधार किया। हैदराबाद को अगर वापस जीत की राह पकड़नी है, तो उसे इस कमी पर काबू पाना पड़ेगा।
विश्व कप टीम में जगह बनाने से चूके अंबाती रायुडू अपने बल्ले से जवाब देना चाहेंगे। शानदार फॉर्म में चल रही चेन्नई की टीम प्लेऑफ में जगह बनाने से सिर्फ एक जीत दूर है। ऐसे में रायुडू का विश्व कप टीम से बाहर रहना एकमात्र निराशा का सबब है। हैदराबाद के इस बल्लेबाज ने राजस्थान के खिलाफ अर्धशतक जमाकर फार्म हासिल किया। एक समय चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये सर्वश्रेष्ठ विकल्प माने जा रहे रायुडू टीम से बाहर होने की हताशा हैदराबाद पर उतारने को बेताब होंगे।
चेन्नई की टीम आठ मैचों में 14 अंक लेकर शीर्ष पर है जबकि लगातार तीन मैच हार चुके हैदराबाद के हौसले पस्त है। उसे पिछले मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने मात दी। ‘बूढे घोड़ों की फौज’ करार दी गई चेन्नई की ताकत यह है कि उसके पास टीम संयोजन में विविधता है। हालात के अनुरूप उसके पास प्लान ए , बी या सी है लेकिन सनराइजर्स के सलामी बल्लेबाज जानी बेयरस्टा और डेविड वॉर्नर के नाकाम होने पर पूरी टीम दबाव में आ जाती है।
वॉर्नर के 400 और बेयरस्टो के 304 रन के बाद तीसरे नंबर पर विश्व कप टीम में जगह बना चुके विजय शंकर के (132 रन) हैं। हैदराबाद की समस्या उसका मध्यक्रम रहा है। मनीष पांडे छह मैचों में 54, दीपक हुड्डा 47 और युसूफ पठान 32 रन ही बना सके हैं। पठान काफी समय से पिछली साख पर टीम में बन हुए हैं लेकिन लंबे समय से अच्छी पारी नहीं खेल पाए। दूसरी ओर धोनी ने अलग अलग हालात के अनुरूप अलग अलग संयोजन उतारे हैं और उनकी टीम कप्तान के भरोसे पर सही भी उतरी है। चेपॉक के धीमे विकेट पर हरभजन सिंह हों या बाहर के विकेटों पर मिशेल सेंटनेर, धोनी की अधिकांश रणनीतियां कारगर साबित हुई है। चेन्नई के लिए इस सत्र के स्टार 40 बरस के इमरान ताहिर रहे हैं जो 13 विकेट ले चुके हैं। हैदराबाद को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए हर हालत में यह मैच जीतना होगा जो उतना आसान नहीं लग रहा।