भारत के रंग में रंगे ब्रेट ली, गोल्डन टैंपल में पगड़ी पहने आए नजर

भारत के रंग में रंगे ब्रेट ली, गोल्डन टैंपल में पगड़ी पहने आए नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-31 07:25 GMT
भारत के रंग में रंगे ब्रेट ली, गोल्डन टैंपल में पगड़ी पहने आए नजर

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज इन दिनों भारत में हैं और पूरी तरह से भारतीय रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंड इंस्टाग्राम पर एक वीडियो और कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें वो अमृतसर में गोल्डन टैंपल के सामने खड़े हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में ब्रेट ली पीली पगड़ी पहने हुए दिख रहे हैं और उन्होंने वीडियो की शुरुआत सत श्री अकाल कर बोल कर की है।ब्रेट ली ने इस वीडियो में पंजाब की जमकर तारीफ की है और उन्होंने कहा पूरे विश्व में कहीं भी घूम लो, लेकिन भारत जैसा दूसरे देश कहीं भी नहीं होगा।  

 

 

 

भारत के रंग में रंगे ब्रेट ली

 

ब्रेट ने जो वीडियो और फोटोज शेयर की हैं उनमें ब्रेट ली पूरी तरह से भारत के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। फोटोज में ब्रेट ली हाथ जोड़े हुए पीली पगड़ी पहने हुए गोल्डन टैंपल के सामने खड़े हुए हैं और उन्होंने यहां पर लंगर की सेवा भी की। ब्रेट ली क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ही लगातार भारत में किसी न किसी कार्यक्रम के साथ जुड़े रहते हैं। उन्होंने बॉलीवुड फिल्म में भी काम किया है और भारतीय दर्शक भी उन्हें काफी पसंद करते है। 

 

 

 

 

सेमिनार में सुनाई दिल छूने वाली बात

 

गोल्डन टेंपल से ब्रेट ली श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ में भी पहुंचे, जहां वो न्यूबोर्न हियरिंग स्क्रीनिंग यूएनएचएस कार्यक्रम के संदर्भ में हो रहे जागरूकता सेमिनार में शामिल हुए। इस दौरान ब्रेट ली ने अपनी जिंदगी का वो राज भी खोला, जिसे सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं। अपने संबोधन में ब्रेट ली ने बताया कि जिंदगी में एक बार उनके सामने ऐसा वक्त भी आया, जब वो बेबस हो गए थे और इसकी वजह था उनका बेटा प्रेस्टन। ब्रेट ली ने कहा कि जब प्रेस्टन जब पांच साल का था तो ऊंचाई से गिरने की वजह से उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। इस हादसे में उसके एक कान की हड्डी क्षतिग्रस्त हुई। सिर की चोटों का तो उपचार हो गया, लेकिन उसके सुनने की क्षमता चली गई। बात करने पर भी वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था। ब्रेटली ने कहा यह उनकी जिंदगी का बहुत ही दर्दनाक वक्त था। ब्रेट ली ने बताया कि प्रेस्टन की सुनने की शक्ति आठ महीने बाद अचानक अपने आप लौट आई। 

 

 


ब्रेट ली ने कहा कि इस हादसे के बाद मैंने सोचा कि सुनने की क्षमता कितनी जरूरी है और इसके न होने से दुनिया में न जाने कितने लोग दर्द झेल रहे होंगे। ब्रेट ली ने बताया कि इस घटना के बाद उन्हें लगा कि ऐसा दर्द झेलने वाले लोगों के लिए कुछ करना चाहिए और फिर उन्होंने इस दिशा में काम करते हुए अवेयरनेस प्रोग्राम की शुरुआत की। ब्रेट ली के मुताबिक दुनिया में ऐसे 46.60 करोड़ लोग हैं जो सुन नहीं सकते। इनमें 3.40 करोड़ बच्चे शामिल हैं। 
 

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