पीवी सिंधु के बाद लक्ष्य सेन ने जीता सोना, भारत को दिलाया कॉमनवेल्थ का 20वां गोल्ड मेडल
सिंगल्स मुकाबलों में डबल गोल्ड पीवी सिंधु के बाद लक्ष्य सेन ने जीता सोना, भारत को दिलाया कॉमनवेल्थ का 20वां गोल्ड मेडल
- लक्ष्य बैडमिंटन से जुड़े परिवार से ताल्लुक रखते हैं
डिजिटल डेस्क, बर्मिंघम। इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के 11वें दिन भारत ने बैडमिंटन में दो गोल्ड मेडल जीते। पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन ने सिंगल्स मुकाबलों के फाइनल में जीत हासिल कर देश को इस मेगाइवेंट का 19वां और 20वां गोल्ड दिलाया। आज हुए विमेंस सिंगल्स मुकाबले में जहां पीवी सिंधु ने कनाडा की मिशेल ली को फाइनल में 21-15, 21-13 से हराकर कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता। वहीं मेंस सिंगल्स के फाइनल में लक्ष्य ने मलेशिया के जेई यंग को एक कड़े मुकाबले में मात दी। इस तरह मेडल टेली में भारत के मेडलों की संख्या 58 हो गई। इनमें 20 गोल्ड, 15 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।
फाइनल में ऐसा रहा लक्ष्य का प्रदर्शन
— SAI Media (@Media_SAI) August 8, 2022
तीन गेम तक चले फाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने जेई यंग को 19-21, 21-9, 21-16 से शिकस्त दी। पहला गेम 19-21 से पहला गेम गंवाने के बाद भारतीय शटलर ने शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम एकतफा अपने नाम किया। इस गेम को लक्ष्य ने 21-9 से अपने नाम किया और मैच में 1-1 से बराबरी कर ली। तीसरे गेम में सेन ने आक्रमक खेल दिखाते हुए 21-16 से जीत हासिल की।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के अलमोड़ा से आने वाले 20 वर्षीय लक्ष्य सेन एक ने बहुत छोटी उम्र से अपने पिता के अंडर में बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेना शुरु कर दिया था। बता दें कि लक्ष्य के पिता का नाम धीरेन्द्र कुमार सेन है जो कि जाने माने बैडमिंटन कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी में कार्यरत हैं। इनके भाई चिराग सेन भी एक जाने माने इंटरनेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। लक्ष्य ने अपने पिता के साथ केवल 4 साल की आयु में ही स्टेडियम में जाना कर दिया था। उन्होंने छोटी उम्र से ही अपने
उपलब्धियां
- 2016 में जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेड2016 में इंडिया इंटरनेशनल सीरीज टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल
- 2017 में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड रैकिंग में नंबर एक जूनियर एकल खिलाड़ी बने
- 2017 में भारत इंटरनेशनल सीरीज और युरोपियन बल्गेरियाई ओपन के विजेता
- 2017 में टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल में सिल्वर मेडल
- 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियाई जूनियर चैंपिययनशिप के सिंगल्स कैटेगरी में गोल्ड मेडल
- 2018 में युवा ओलंपिक ब्यूनस में सिगल्स में सिल्वर मेडल अपने नाम कर इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले पहले शटलर बने।
- 2018 में डच ओपन के सिंगल्स कैटेगरी में ही जापान के यूसुके ओनोडेरा को हराकर पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब अपने नाम किया।
- 2019 में सारलोर लक्स ओपन और स्कॉटिश ओपन में जीता
- 2021 में विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया
- 2022 में इंडिया ओपन फाइनल में विश्व चैंपियन लोह किन यू को मात देकर अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता
- 2022 में ही जर्मन ओपन सुपर 300 प्रतियोगिता में उपविजेता रहे